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महाराष्ट्र सियासी संकट : सीएम ममता का तंज- “असम की जगह बंगाल भेज दीजिए , हम अच्छा आतिथ्य करेंगे”

मुंबई, महाराष्ट्र में गहराते संकट के बीच अब बंगाल सीएम और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी का भी बड़ा बयान सामने आ गया है. जहां ममता ने सीएम उद्धव ठाकरे को अपना समर्थन जताया है. साथ ही बंगाल सीएम ने मोदी सरकार को भी आढ़े हाथों लिया है. हम उद्धव ठाकरे और सभी के […]

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  • June 23, 2022 6:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

मुंबई, महाराष्ट्र में गहराते संकट के बीच अब बंगाल सीएम और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी का भी बड़ा बयान सामने आ गया है. जहां ममता ने सीएम उद्धव ठाकरे को अपना समर्थन जताया है. साथ ही बंगाल सीएम ने मोदी सरकार को भी आढ़े हाथों लिया है.

महाराष्ट्र के संकट पर क्या बोलीं ममता बनर्जी?

मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “महाराष्ट्र में लोकतंत्र पर बुलडोज़र चलाया जा रहा है. देश में राजनीति स्थिति बहुत खराब है. जो कोई भी विरोध या प्रदर्शन करता है उसपर बुलडोज़र चलाया जाता है. आज आप (बीजेपी) सत्ता में हैं, तो अपने धन बल और बाहु बल का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने आगे गुवाहाटी के विधायकों पर भी कहा, यह गलत है और मैं इसका समर्थन नहीं करती हूं. असम की जगह आप उन्हें (बागी विधायकों को) बंगाल भेज दीजिए, हम उनका अच्छा आतिथ्य करेंगे। आगे ममता कहती हैं, “महाराष्ट्र के बाद वे(भाजपा) दूसरी सरकारों को भी गिरा देंगे. हम बस लोगों के लिए और संविधान के लिए न्याय चाहते हैं.’

मौजदा हालात पर बीजेपी की नजर

जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के मौजूदा हालात पर भारतीय जनता पार्टी शीर्ष नेतृत्व नजर बनाये हुए है। लेकिन अभी तक बीजेपी शिवसेना की अंदरूनी लड़ाई में स्थिति साफ होने का इंतजार कर रही है। बताया जा रहा है कि बीजेपी ने सरकार बनाने की संभावनाओं पर गंभीरता से काम शुरू कर दिया है। फिलहाल कई छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों से बीजेपी राज्य नेतृत्व संपर्क में है।

शिंदे गुट की उद्धव ठाकरे को खुली चिट्ठी

गौरतलब है कि असम के गुवाहाटी के एक होटल में डेरा जमाए शिवसेना के बागी विधायकों ने एक चिट्ठी जारी की है। इस चिट्ठी को एकनाथ शिंदे ने जारी किया है। चिट्ठी में शिवसेना शीर्ष नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाए गए है। उसमें लिखा गया है कि मुख्यमंत्री उद्धव का आवास वर्षा में सिर्फ एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों का ही प्रवेश हो पाता था।

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