नई दिल्ली. साल 2020 में पहला चंद्र ग्रहण शुक्रवार 10 जनवरी को लगेगा लेकिन ये मांद्य यानी निर्बल ग्रहण होगा जिस वजह से इस दौरान सूतक काल भी नहीं होगा. इस दौरान पूजा-पाठ कर्म किए जाएंगे. खास बात है कि इस चंद्र ग्रहण को आसानी से नहीं देखा जा सकेगा. इस साल से पहले साल […]
नई दिल्ली. साल 2020 में पहला चंद्र ग्रहण शुक्रवार 10 जनवरी को लगेगा लेकिन ये मांद्य यानी निर्बल ग्रहण होगा जिस वजह से इस दौरान सूतक काल भी नहीं होगा. इस दौरान पूजा-पाठ कर्म किए जाएंगे. खास बात है कि इस चंद्र ग्रहण को आसानी से नहीं देखा जा सकेगा. इस साल से पहले साल 2017 की 11 फरवरी को ऐसा चंद्र ग्रहण दिखा था. इसमें चंद्रमा घटता-बढ़ता नहीं बल्कि उसके आगे धूल की एक परत सी दिखती है जिस वजह से ज्योतिषीय मत में ग्रहण का असर नहीं होगा. निर्णय सागर पंचांग के अनुसार, 10 जनवरी को रात 10. 38 मिनट पर चंद्र ग्रहण शुरू होगा जिसका मध्य 12.40 बजे और मोक्ष रात 2. 42 बजे होगा. ये ग्रहण करीब 4 घंटे 50 मिनट रहेगा. यह ग्रहण मिथुन राशि के पुनवर्सु नक्षत्र में होगा. ये चंद्र ग्रहण भारत समेत कई हिस्सों में देखा जा सकेगा. साथ ही हिंद महासागर में भी ग्रहण दिखाई देगा.
मांद्य का अर्थ होता है न्यूनतम यानी मंद होने की प्रक्रिया. इसी वजह से मांद्य चंद्र ग्रहण पर सूतक नहीं रहता है. किसी भी तरह का धार्मिक असर भी लोगों पर नहीं होगा. इस ग्रहण में चंद्र की हल्की सी कांति मलीन होगी लेकिन कोई भी भाग ग्रहण ग्रस्त होते नहीं नजर आएगा. इस ग्रहण में चंद्रमा करीब 90 फीसदी मटमैली छाया में आएगा. इस प्रभाव को काफी कम संख्या में लोग समझ सकते हैं. सिर्फ विशेष उपकरणों से ही आसानी के साथ यह ग्रहण समझा जाएगा. इस ग्रहण में चंद्रमा पर राहु की छाया नहीं होगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण काल में चंद्रमा पर छाया के रूप में राहु दिखता है लेकिन छाया नहीं बनेगी. ऐसे में जब छाया नहीं होगी तो राहु के ग्रसने वाली बात भी नहीं है.
चंद्रमा जब पृथ्वी और सूर्य एक साथ सीधी कतार में आते हैं तो पृथ्वी की वजह से चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी सीधे तरह से नहीं पहुंच पाती जिस वजह से पृथ्वी की छाया पूरी तरह चांद पर पड़ती है. चंद्र ग्रहण इसी स्थिति को कहा जाता है. जानकारी के अनुसार साल 2020 में 4 ग्रहण होंगे और सभी ही मांद्य चंद्र ग्रहण होंगे. सिर्फ 10 जनवरी वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा, अन्य तीन चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देंगे. शुक्रवार 5 जून को दूसरा, रविवार 5 जुलाई को तीसरा और सोमवार 30 नवंबर को साल का आखिरी और चौथा चंद्र ग्रहण लगेगा. जबकि सूर्य ग्रहण इस साल 2 ही होंगे जिसमें पहला 21 जून और दूसरा 14 दिसंबर को होगा.
नासा वेबसाइट के मुताबिक, पिछले 10 सालों के भीतर मांद्य चंद्र ग्रहण 6 बार लग चुका है. इस साल सूर्य ग्रहण चार बार अलग-अलग महीनों में लगने जा रहा है जिसमें जनवरी, जून, जुलाई और नवंबर शामिल हैं. इससे यानी साल 2020 से पहले पिछले 10 सालों में पहला मांद्य चंद्र ग्रहण 28 नवंबर 2012 को लगा था जिसके बाद दूसरा 25 मार्च 2013, तीसरा 18 अक्टूबर 2013, चौथा 23 मार्च 2016, पांचवा 16 सितंबर 2016 और छठा ग्रहण 11 फरवरी 2017 को लग चुका है. साल 2020 के बाद अगला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 को होगा.