नई दिल्ली. अपने नए संविधान के बनने के बाद से मुसीबतों का सामना कर रहे नेपाल ने जरुरी चीजों की पूर्ति के लिए फिर से भारत की तरफ देखा है. इसी की पहल करते हुए नेपाल के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री कमल थापा रविवार के दिन तीन दिवसीय यात्रा के लिए भारत पहुंचे.
यहां उन्होंने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश सचिव एस जयशंकर से मुलाकात की. इससे पहले नेपाल में पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए थापा ने काठमांडू में कहा कि वह इस यात्रा के परिणाम को लेकर आशावादी हैं और इससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे.
थापा उस तीन सदस्यीय टीम के समन्वयक भी हैं जो नेपाल के व्यापार बिन्दुओं पर मधेसी लोगों द्वारा की गई नाकेबंदी को खत्म कराने के लिए भारतीय अधिकारियों से बातचीत के लिए गठित की गई है.
नए संविधान का विरोध कर रहे मधेसी समुदाय के लोगों के प्रदर्शन की वजह से भारत से नेपाल जानेवाली ज़रूरी चीज़ों की सप्लाई बंद हो गई थी, जिसे लेकर नेपाल ने भारत से नाराज़गी जाहिर की थी. इस बीच चीन ने तिब्बत में
नेपाल से सटी दो सड़क मार्ग खोल दिया था.
आपको बता दें कि भारत-नेपाल सीमा से सटे इलाकों में तराई थारुहट संघर्ष समिति और मधेशी समुदाय द्वारा की गई नाकाबंदी के लिए नेपाल सरकार ने भारत को जिम्मेदार ठहराते हुए यूएन में आवाज उठाई है. नेपाल सरकार के इस कदम से समिति के आंदोलनकारी दु:खी हैं.