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सेहत: तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी कब नहीं पीना चाहिए , जानिए..

नई दिल्ली। तांबे के बर्तन में रखा गया पानी सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है. लेकिन इसे सही तरीक़े से और सही समय पर पीना बहुत जरूरी है. तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से उन कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है, जो दूषित पानी पीने से होती हैं. जैसे, लूज मोशन, पेट […]

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सेहत: तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी कब नहीं पीना चाहिए , जानिए..
  • June 20, 2022 2:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। तांबे के बर्तन में रखा गया पानी सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है. लेकिन इसे सही तरीक़े से और सही समय पर पीना बहुत जरूरी है. तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से उन कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है, जो दूषित पानी पीने से होती हैं. जैसे, लूज मोशन, पेट दर्द, डायरिया इत्यादि. तांबे का पानी पीने से शरीर में कॉपर की कमी भी नहीं होती है. आपको किस समय पर तांबा युक्त पानी नहीं पीना चाहिए, तो जानते है इस पानी को कब पीना चाहिये और कब नही , इसके क्या फ़ायदे है और क्या नुक़सान होते हैं-

कब नही पीना चाहिए कॉपर वॉटर

यह पानी कभी भोजन के बाद नही पीना चाहिए इससे पाचन पर बुरा असर पड़ सकता है। पाचन धीमा हो सकता है या पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है। इसका सही समय सुबह ख़ाली पेट होता है।

ताम्बे के बर्तन में पानी कितने समय रखे

बता दें कि आप इस पानी को 12 से 48 घंटे तक ताम्बे के बर्तन में स्टोर करके रखे और फिर सुबह ख़ाली पेट इसका सेवन करे। आप इसे पूरे दिन भी पी सकते है लेकिन यह पानी ताज़ा भरा होना चाहिए। रातभर का रखा हुआ नही। रखा हुआ पानी सिर्फ़ सुबह ख़ाली पेट ही पी सकते है।

ताम्बे का पानी पीने के नुक़सान क्या है

वैसे तो इसके कोई नुक़सान नही है लेकिन यदि आप लम्बे समय तक और अधिक मात्रा में इस पानी का सेवन करते है तो शरीर में ताम्बे की मात्रा अधिक होने की समस्या हो सकती है। ऐसे में आपको जी मिचलाना, उल्टियां आना, पेट में दर्द होना या डायरिया जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।यदि आप इन लक्षणों को नज़रंदाज़ करते हैं और पानी का सेवन जारी रखते हैं तो यह लिवर की खराबी और किडनी की बीमारी का कारण भी बन सकता है।

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