नई दिल्ली, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक गुरुद्वारे के अंदर इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. इस फायरिंग के दौरान एक सुरक्षाकर्मी की मौत भी हो गई है. इस आतंकी हमले में भारी संख्या में लोग घायल हुए. अब इस हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. […]
नई दिल्ली, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक गुरुद्वारे के अंदर इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. इस फायरिंग के दौरान एक सुरक्षाकर्मी की मौत भी हो गई है. इस आतंकी हमले में भारी संख्या में लोग घायल हुए. अब इस हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है. जहां पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘काबुल में करते परवान गुरुद्वारा पर कायरतापूर्ण आतंकी हमले से स्तब्ध हूं. मैं इस बर्बर हमले की निंदा करता हूं, और भक्तों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के काबुल में गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। pic.twitter.com/KPnKeAZTJW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 18, 2022
भाजपा से निलंबित नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के बाद इस तरह के हमले की चेतावनी दी गई थी. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े इस्लामिक स्टेट्स खुरासान प्रांत की मीडिया विंग ने एक वीडियो जारी कर हमले की धमकी दी गई थी, वीडियो में कहा गया था कि 2020 के गुरुद्वारा हमले को दोहराया जाएगा.
अगस्त 2021 में तालिबान की ओर से काबुल पर नियंत्रण करने के बाद से सिख समुदाय पर लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं. भारत ने कार्त-ए-परवान सिखों को निकालने के लिए समर्थन की पेशकश की थी और वर्तमान में स्थिति पर बारीकी से निगरानी रखी जा रही है. गौरतलब है, मार्च 2020 में काबुल के शॉर्ट बाजार इलाके में श्री गुरु हर राय साहिब गुरुद्वारे में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के घातक हमले में 27 सिख मारे गए थे, जबकि कई घायल हो गए थे.
समुदाय के नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित देश में सिर्फ 140 सिख रह गए हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं, इसी कड़ी में काबुल में आतंकी हमले किए जा रहे हैं. बीते तीन-चार महीने में काबुल में कई धमाके हुए हैं, जिसके पीछे आतंकी संगठनों का हाथ था.
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