उत्तर प्रदेश: लखनऊ। पिछले शुक्रवार यानि 10 जून को जुमे की नमाज पर देश की अलग-अलग राज्यों में हुई हिंसा और पत्थरबाजी के मद्देनजर इस शुक्रवार पुलिस सतर्क है। प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील जगहों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। किसी भी गडबड़ी से बचने के लिए […]
लखनऊ। पिछले शुक्रवार यानि 10 जून को जुमे की नमाज पर देश की अलग-अलग राज्यों में हुई हिंसा और पत्थरबाजी के मद्देनजर इस शुक्रवार पुलिस सतर्क है। प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील जगहों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। किसी भी गडबड़ी से बचने के लिए सिविल डिफेंस और प्रदेश पुलिस वालंटियर्स की मदद भी ली जा रही है।
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने जुमे की नमाज को लेकर सुरक्षा व्यस्था के बारे में बताया कि राज्य में व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए गए है। हिंसा प्रभावित जिलों में धर्म गुरूओं, नागरिक समाज से जुड़े लोगों और शांति समिति के सदस्यों के साथ पुसिल लगातार बैठक कर रही है। जिसमें क्षेत्र से संबंधित थानाध्यक्ष, पुलिस चौकी प्रभारियों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी भाग ले रहे है। एडीजी ने बताया कि शांति व्यवस्था के लिए सिविल डिफेंस और राज्य पुलिस डिजिटल वालंटियर्स की मदद ली जा रही है।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डी एस चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश के सभी मंडलों, जोन, रेंज और जिलों में सुरक्षा बंदोबस्त की समीक्षा की। बताया जा रहा है कि अधिकारियों को साफ निर्देश दिया गया है कि किसी भी प्रकार की ढिलाई ना बरती जाए कोई चूक होगी तो संबंधित अधिकारियों के ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एडीजी कानून व्यवस्था ने आगे बताया कि प्रदेश में शुक्रवार को किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस पूरी सतर्कता बरत रही है। सभी जिलों में अर्धसैनिक बल फ्लैग मार्च और पुलिस को पैदल गश्त करने के निर्देश दिए गए है। किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए प्रदेश के संवेदनशील जगहों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
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