छत्तीसगढ़: हर तरफ बिखरी खुशी,राहुल को मिली नई जिंदगी

छत्तीसगढ़: जांजगीर चांपा। देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हुआ. आखिरकार 105 घण्टे से बोरवेल में फंसे राहुल को रेस्क्यू के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. रेस्क्यू टीम की कड़ी मशक्कत के बाद 65 फीट नीचे से राहुल को सुरक्षित बाहर निकला लिया गया. 4 दिन तक चले इस अभियान को रेस्क्यू […]

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छत्तीसगढ़: हर तरफ बिखरी खुशी,राहुल को मिली नई जिंदगी

Vaibhav Mishra

  • June 15, 2022 8:41 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

छत्तीसगढ़:

जांजगीर चांपा। देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हुआ. आखिरकार 105 घण्टे से बोरवेल में फंसे राहुल को रेस्क्यू के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. रेस्क्यू टीम की कड़ी मशक्कत के बाद 65 फीट नीचे से राहुल को सुरक्षित बाहर निकला लिया गया. 4 दिन तक चले इस अभियान को रेस्क्यू टीम ने अंजाम देकर मासूम राहुल को एक नई जिंदगी दी है. इस रेस्क्यू के सफल होने से देशभर में एक खुशी का माहौल बन गया।

क्या है पूरा मामला

दरअसल जांजगीर -चाम्पा जिले के पिहरीद गांव में 11 वर्षीय बालक राहुल साहू अपने घर के पास खुले हुए बोरवेल में गिरकर फंस गया था. 10 जून को दोपहर लगभग 2 बजे अचानक घटी इस घटना की खबर मिलते ही जिला प्रशासन की टीम कलेक्टर श्री जितेंद्र कुमार शुक्ला के नेतृत्व में तैनात हो गई।

अफसर दिन रात रहे मुस्तैद

राहुल के सलामती के लिए जहाँ दिन- रात दुआओं का दौर चला. वहीं घटनास्थल पर इस ऑपरेशन के पूरा होने तक कलेक्टर श्री जितेंद्र कुमार शुक्ला, पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल सहित तमाम अफसर रात भर रेस्क्यू पर निगरानी रखे हुए थे।

सीएम ने लिया पल-पल का अपडेट

इसको लेकर सीएम भूपेश बघेल बेहद चिंतित रहे. यही वजह है कि वे लगातार रेस्क्यू का अपडेट लेते रहे. उन्होंने राहुल को सकुशल बाहर निकालने के निर्देश दिए थे. उन्होंने वीडियो कॉल कर राहुल के पिता और माता से भी बात की।

चट्टानों को चीर कर राहुल को निकला गया बाहर

बोरवेल में फंसे राहुल को बचाने के लिए रेस्क्यु टीम ने हर बार कड़ी चुनातियों का सामना किया. राहुल के रेस्क्यु में बड़े-बड़े चट्टान बाधा बनकर रोड़ा अटकाते रहे, जिसकी वजह से रेस्क्यु टीम को हर बार अपना प्लान बदलने के साथ नई-नई चुनौतियों से जूझना पड़ा. मशीनें बदलनी पड़ी. 65 फीट नीचे गहराई में जाकर होरिजेंटल सुरंग तैयार करने और राहुल तक पहुँचने में सिर्फ चट्टानों की वजह से ही 4 दिन लग गए. रेस्क्यु टीम को भारी गर्मी और उमस के बीच झुककर, लेटकर टार्च की रोशनी में भी काम करना पड़ा. इसके बावजूद अभियान न तो खत्म हुआ और न ही जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे राहुल ने हार मानी।

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