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दसवीं में आए थे मात्र पासिंग अंक, आज हैं आईएएस अफसर, पढ़िए दिलचस्प कहानी

नई दिल्ली। साल 2009 में बनी फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ का यह डायलॉग आपको याद ही होगा, ‘सफलता के पीछे मत भागो, काबिल बनो, सफलता मिलेगी’ कामयाबी झक मारते ही आपके पास आ जाएगी। ऐसी ही काहानी भरूच के कलेक्टर तुषार डी सुमेरा की है। आमतौर पर कहा जाता है कि संघ लोक सेवा आयोग यानी […]

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दसवीं में आए थे मात्र पासिंग अंक, आज हैं आईएएस अफसर, पढ़िए दिलचस्प कहानी
  • June 12, 2022 5:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। साल 2009 में बनी फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ का यह डायलॉग आपको याद ही होगा, ‘सफलता के पीछे मत भागो, काबिल बनो, सफलता मिलेगी’ कामयाबी झक मारते ही आपके पास आ जाएगी। ऐसी ही काहानी भरूच के कलेक्टर तुषार डी सुमेरा की है।

आमतौर पर कहा जाता है कि संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले पढ़ाई में बहुत तेज होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, सफलता किसी के लिए मोह नहीं है। तुषार दलपतभाई सुमेरा ने इस कहावत को सही साबित किया है। उन्होंने न केवल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की, बल्कि वे एक अच्छे रैंक वाले आईएएस अधिकारी भी बनें। आइए जानते हैं आईएएस तुषार डी सुमेरा की सफलता की कहानी-

तुषार अपने हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा में केवल उतने ही अंक प्राप्त करने में सफल रहे, जितने में वह पास हो सकते थे। लेकिन बाद में अपनी कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और अपने सपने को पूरा किया। छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने हाल ही में तुषार सुमेरा की कड़ी मेहनत और सफलता का जिक्र करते हुए अपनी तस्वीर और अपनी 10वीं की मार्कशीट अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है।

 10वीं और 12वीं में मिले इतने अंक

आईएएस अवनीश शरण ने बताया कि 2012 बैच के आईएएस अधिकारी तुषार डी सुमेरा ने हाईस्कूल की परीक्षा में सिर्फ पासिंग मार्क्स हासिल किए थे। मार्कशीट के मुताबिक उन्होंने गणित में 36, अंग्रेजी में 35 और साइंस में 38 अंक हासिल किए थे। उनका रिकॉर्ड इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि सफलता के लिए प्रतिभा मायने रखती है, संख्या नहीं।

पहले बीए-बीएड की फिर बच्चों को पढ़ाना शुरू किया

आपको बता दें कि तुषार सुमेरा ने किसी तरह दसवीं की परीक्षा पास की और आगे की पढ़ाई जारी रखी। इसके बाद उन्होंने पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया और पहले 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद बीए और बीएड की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने अपने करियर को गति देने के लिए सहायक शिक्षक के रूप में नौकरी शुरू की।

ऐसे शुरू की यूपीएससी की तैयारी

सहायक शिक्षिका के रूप में कार्य करते हुए सुमेरा ने अपना एक लक्ष्य बनाया और उसकी तैयारी करने लगे। अध्यापन के साथ-साथ उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और वर्ष 2012 में उन्होंने न केवल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की बल्कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में भी अच्छी रैंक प्राप्त की।

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