नई दिल्ली। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि मानसून 29 मई को केरल तट पर पहुंच गया था और 31 मई से 7 जून के बीच यह दक्षिण और मध्य अरब सागर में फैल गया। केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु और पूरे पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों को कवर किया। मानसून के धीमा […]
नई दिल्ली। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि मानसून 29 मई को केरल तट पर पहुंच गया था और 31 मई से 7 जून के बीच यह दक्षिण और मध्य अरब सागर में फैल गया। केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु और पूरे पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों को कवर किया। मानसून के धीमा होने की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “मानसून की प्रगति में कोई देरी नहीं है। इसके अगले दो दिनों में महाराष्ट्र और अगले दो दिनों में मुंबई पहुंचने की संभावना है।
मौसम विज्ञानी ने कहा कि अगले दो दिनों में गोवा और कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। उल्लेखनीय है कि यह लगातार सातवां वर्ष होगा जब देश में जून से सितंबर के दौरान सामान्य वर्षा होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली-एनसीआर और उत्तर-पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में मानसून अपनी सामान्य तिथि तक पहुंच जाएगा, जेनामनी ने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पिछले साल, मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि मानसून अपनी सामान्य तिथि (27 जून) से लगभग दो सप्ताह पहले दिल्ली पहुंचेगा, लेकिन यह 13 जुलाई को राजधानी पहुंचा, जो पिछले 19 वर्षों में सबसे अधिक देरी है।
मौसम विभाग के मुताबिक मानसून के आने में अभी कोई देरी नहीं है।अच्छे मानसून के संकेत हैं। इसका अंदाजा तेज हवाओं और बादलों से लगाया जा सकता है। मौसम विभाग ने कहा कि मानसून सामान्य गति से आगे बढ़ रहा है और अगले दो दिनों में इसके महाराष्ट्र पहुंचने की संभावना है। दिल्ली-एनसीआर के लिए विभाग ने अभी कोई अनुमान नहीं जताया है। हालांकि, अरुणाचल प्रदेश में 10-11 जून को और असम और मेघालय में अगले पांच दिनों तक बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।