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नींद की समस्या को भूल से भी न करें नजरअंदाज, हेल्थ पर पड़ सकता है सीधा असर

नई दिल्ली : आज की जेनेरशन के लिए ‘जल्दी सो जाना और जल्दी उठना’ जैसी थ्योरी फॉलो करना बहुत मुश्किल है।कई बार हम देर रात तक जागे होते हैं।.कारण चाहे कुछ भी हो, सोशल मीडिया पर समय बिताना, किसी से बात करना, रात में पढ़ाई करना या किसी प्रोजेक्ट पर काम करना, या फिर केवल […]

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नींद की समस्या को भूल से भी न करें नजरअंदाज, हेल्थ पर पड़ सकता है सीधा असर
  • June 9, 2022 11:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली : आज की जेनेरशन के लिए ‘जल्दी सो जाना और जल्दी उठना’ जैसी थ्योरी फॉलो करना बहुत मुश्किल है।कई बार हम देर रात तक जागे होते हैं।.कारण चाहे कुछ भी हो, सोशल मीडिया पर समय बिताना, किसी से बात करना, रात में पढ़ाई करना या किसी प्रोजेक्ट पर काम करना, या फिर केवल नींद ना आने के कारण ही जगे होते हैं। जिससे हम नींद पूरी नहीं कर पाते और सुबह उठकर फिर से काम में लग जाते हैं और इसके बाद पूरे दिन सुस्ती महसूस होती रहती है।

अब जब पूरा दिन थका-थका और बीमार महसूस कर रहे होते हैं तो काम करना मुश्किल सा हो जाता हैं । आलस के कारण आप ना तो काम कर सकते हैं और ना ही वापस घर जा सकते हैं। फिर हम प्लानिंग करते हैं वापस सोने की। सोचते हैं कि रात को समय से सो जाएंगे ताकि नींद पूरी हो जाए और अगले दिन फिर से ऐसा वापस दोहराने लगते हैं। दिनभर सुस्ती महसूस होना अच्छी बात तो नहीं है और हम यह अच्छे से समझते हैं, क्योंकि हम सभी कभी न कभी इस स्थिति से गुजरते हैं। नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं।

स्ट्रेस

नींद ना आने के पीछे सबसे आम वजह तनाव होती हैं। तनाव होने पर शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है जो कि एक स्ट्रेस हार्मोन होता है। इसके कारण शरीर आराम की स्थिति में नहीं रह पाता और ब्रेन एक्टिव रहता है जिससे नींद आना मुश्किल हो जाता है। रिसर्च भी बताती हैं कि तनाव को नींद ना आने का सबसे बड़ा होता है ।

स्लीप एप्निया

स्लीप एप्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है जिसके कारण या तो नींद पूरी नहीं होती या पूरी नींद के बाद भी आप थका-थका महसूस फील करते हैं । रात में सोते वक्त बार-बार सांस लेने में परेशानी होने के कारण बार-बार नींद खुल जाती है जिससे आप क्वालिटी स्लीप नहीं ले पाते हैं और अधिक समय सोने के बाद भी अगले दिन आलस महसूस करने लगते हैं।

अपने बिजी शेड्यूल के कारण हम दिनभर उचित मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करना अक्सर भूल जाते हैं। पानी पीने में हमारी लापरवाही भी हमारी थकान बढ़ाती है, और ऐसे में सिरदर्द की आशंका बढ़ जाती है। इससे आपके दिन भर के काम पर पड़ता है। रिसर्च बताते हैं कि क्रॉनिक डिहाइड्रेशन भी नींद ना आने की वजह बन सकती है।

इन्सोम्निया

अगर आपको रात में नींद ना आने, बार-बार नींद खुल जाने, रात में नींद ना खुलने के बाद दोबारा सो पाने में दिक्कत और सुबह भी जल्दी नींद खुल जाने जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो आप इन्सोम्निया के शिकार हो सकते हैं । इन्सोम्निया एक ऐसा स्लीप डिसऑर्डर है जो आपको रात में नींद ना आने और दिन भर थका हुआ महसूस करते हैं।

 

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