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माता-पिता अपने बच्चों को न दें चेतावनी, पड़ सकता हैं दुष्प्रभाव

नई दिल्ली : सभी माता-पिता अपने बच्चों का भला ही चाहते हैं। लेकिन कभी-कभी बच्चे अपने माता-पिता को नाराज कर देते हैं। अगर आप के बच्चे भी आपकी एक बार में बात नहीं सुनते हैं तो आपको ये ट्रिक्स आजमानी चाहिए। ज़रा सोचिए अगर आपका बच्चा आपकी हर बात मानने लग जाए तो ये हर […]

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माता-पिता अपने बच्चों को न दें चेतावनी, पड़ सकता हैं दुष्प्रभाव
  • June 9, 2022 7:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली : सभी माता-पिता अपने बच्चों का भला ही चाहते हैं। लेकिन कभी-कभी बच्चे अपने माता-पिता को नाराज कर देते हैं। अगर आप के बच्चे भी आपकी एक बार में बात नहीं सुनते हैं तो आपको ये ट्रिक्स आजमानी चाहिए। ज़रा सोचिए अगर आपका बच्चा आपकी हर बात मानने लग जाए तो ये हर पैरेंट्स को सुनने में सपने जैसा लग रहा होगा लेकिन ऐसा हो सकता हैं।

यह बात भले ही नॉरमल नजर आती है कि बच्चों को कभी-कभी आज़ादी देनी चाहिए, लेकिन साथ ही उन्हें यह भी सिखाना चाहिए कि उन्हें एक बार में पैरेंट्स की बात सुन लेनी चाहिए ।अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपकी बात सुने, तो बेहतर है कि आप अपनी बात कहने का तरीका थोड़ा बदल लें।

 

1. आप बहुत सी चेतावनियां न दें

अपने बच्चों से जब आप बार-बार कहते है कि “तुम्हें कितनी बार बताना पड़ता है?” या फिर यह कहना कि ‘तुम्हारे बस की बात नहीं हैं ‘अगर आप बहुत ज़्यादा धमकी देनें देते हैं, तो आपका बच्चा आपकी बातों में नहीं आएगा। यहां तक कि बार-बार चेतावनी देने से आपका बच्चा समझ जाएगा कि आपकी बात सुनना जरुरी नहीं हैं।

 

2. बच्चे से बहस न करें

बच्चों के साथ अपनी बात को लेकर जिद नहीं करनी चाहिए। आप जितना उनसे हां और न की लड़ाई करेंगे, वे उतना ही आपकी बात सुनना काम कर देंगे। अगर आप अपने बच्चे को कमरा साफ करने के लिए कहते हैं, लेकिन वो इस बारे में 20 मिनट तक आपसे बहस करता है, तो इसका मतलब उसने 20 मिनट तक आपकी बात टाल दी। इसलिए पॉवर की लड़ाई में न पड़ें और इसकी जगह उन्हें बताएं कि अगर वे आपकी बात नहीं मानेंगे, तो क्या होगा। जिससे बच्चे आसानी से आपकी बात समाज पाएंगे।

 

3. आप नतीजों के बारे में नहीं सोचते

आपके बच्चे को भविष्य में बेहतर विकल्प चुनना सिखाता है। लेकिन अगर आप लगातार परिणामों का पालन करने के लिए संघर्ष करते हैं, तो आपका बच्चा नहीं सीखेगा। खासकर अधिकार छीन लेने की धमकी देना, और फिर जब बच्चा आपके सामने गिड़गिड़ाए, तो उन्हें वापस दे देने से प्रभाव नहीं पड़ेगा। जिससे बच्चा कुछ सीखे। बच्चे को सिखाएं कि आप जो कह रह हैं, वास्तव में वही करेंगे। सिर्फ धमकी देने से परिणाम नहीं मिलते हैं।

 

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