नई दिल्ली, राष्ट्रपति को देश का प्रथम नागरिक कहा जाता है, वह देश के तीनों सशस्त्र बलों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना का सर्वोच्च सेनापति होता है. 2017 तक राष्ट्रपति को सिर्फ 1.50 लाख रुपये मासिक वेतन मिलता था जो वरिष्ठ नौकरशाह के वेतन से भी बहुत कम था, लेकिन 2017 में इसे बढ़ाकर 5 […]
नई दिल्ली, राष्ट्रपति को देश का प्रथम नागरिक कहा जाता है, वह देश के तीनों सशस्त्र बलों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना का सर्वोच्च सेनापति होता है.
2017 तक राष्ट्रपति को सिर्फ 1.50 लाख रुपये मासिक वेतन मिलता था जो वरिष्ठ नौकरशाह के वेतन से भी बहुत कम था, लेकिन 2017 में इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति माह कर दिया गया था. वेतन के अलावा राष्ट्रपति को अन्य भत्ते भी मिलते हैं जिनमें मुफ्त चिकित्सा, आवास और जीवन भर के लिए उपचार सुविधा शामिल है. इसके अलावा भारत सरकार हर साल राष्ट्रपति के अन्य खर्चों जैसे आवास, स्टाफ, खाने-पीने और अतिथियों की मेजाबनी पर करीब 2.25 करोड़ रुपये खर्च करती है.
1. राष्ट्रपति को हर महीने 5 लाख रुपये सैलरी मिलती है, इनकी रकम पर टैक्स लगाया जाता है.
2. राष्ट्रपति को मुफ्त चिकित्सा सुविधा और आवास मिलते हैं.
4. राष्ट्रपति के जीवनसाथी को भी हर महीने 30,000 रुपये सेक्रटेरियल असिस्टेंस के तौर पर मिलती है.
1. रिटायरमेंट के बाद राष्ट्रपति को हर महीने 1.5 लाख रुपये पेंशन मिलता है.
2. राष्ट्रपतियों के जीवनसाथियों को हर महीने 30,000 रुपये सेक्रटेरियल असिस्टेंस के तौर पर दी जाती है.
3. एक फर्निश्ड रेंट फ्री बंग्ला दिया जाता है.
4. दो फ्री लैंडलाइन और एक मोबाइल फोन दिया जाता है.
5. स्टाफ खर्च के लिए हर साल 60,000 रुपये दिए जाते हैं.
6. रेल या विमान से फ्री यात्रा, एक आदमी को अपने साथ भी लेकर जा सकते हैं.
राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के चुनावी कॉलेज के सदस्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है, इसके लिए संसद भवन और विधानसभा में वोटिंग होती है. वोट देने के लिए विधायकों को 1,2,3 लिखकर पसंद बतानी होगी.