नई दिल्ली, नई दिल्ली, सनातन धर्म-संस्कृति में पवित्र नदियों में स्नान-दान का बहुत महत्त्व होता है. माना जाता है कि स्नान-दान से मन के पाप तो धुलते ही हैं, साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती है. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी 9 जून को गंगा दशहरा का पावन पर्व पड़ […]
नई दिल्ली, नई दिल्ली, सनातन धर्म-संस्कृति में पवित्र नदियों में स्नान-दान का बहुत महत्त्व होता है. माना जाता है कि स्नान-दान से मन के पाप तो धुलते ही हैं, साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती है. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी 9 जून को गंगा दशहरा का पावन पर्व पड़ रहा है, गंगा दश्हरा पर पतित-पावनी मां गंगा की गोद में जाकर आस्था की डुबकी लगाने की विशेष मान्यता है. हालांकि जिनसे संभव नहीं हो पाता है, वे या तो घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर या अन्य नदियों में जाकर स्नान कर सकते हैं. कहा जाता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं, साथ ही इस दिन कुछ खास उपायों को करने से जीवन की समस्याएं भी खत्म हो जाती है.
अगर आपको लंबे समय से नौकरी या व्यापार में बाधा का सामना करना पड़ रहा है या आपको तरक्की नहीं मिल रही है तो गंगा दशहरा के दिन एक मिट्टी का घड़ा लें, उसमें गंगा जल की कुछ बूंदें और थोड़ी शक्कर डालें. अब घड़े में पानी भरकर किसी गरीब या जरूरतमंद को दान कर दें. मान्यता है कि ऐसा करने से नौकरी में आने वाली बाधाएं खत्म हो जाती हैं.
धन प्राप्ति के लिए गंगा दशहरा के दिन स्नान करने के बाद मंदिर में जाकर शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें और थोड़ा जल बचा लें, उसी जल से पूरे घर में छिड़काव करने से नकारात्मकता ऊर्जा दूर हो जाएगी और इसके साथ ही धन आगमन की रुकावटें खत्म हो जाती हैं.
कर्ज से मुक्ति पाने के लिए गंगा दशहरा के दिन अपनी लंबाई का एक काला धागा लें और उसे नारियल में लपेटकर शिवलिंग के समक्ष रख दें, इसके बाद अपनी समस्या की समाप्ति की प्रार्थना करें और शाम को काले घागे से लिपटा नारियल को बहते जल में विसर्जित कर दें. नारियल प्रवाहित करने के बाद पीछे मुड़कर न देखें, मान्यता है कि ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिल जाती है.
(नोट- इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं।)