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‘द भारत विजय अभियान’ से शुरू होगा यहां पीएम मोदी का रोड शो

नई दिल्ली। बीजेपी दक्षिण भारत में अपनी पैठ बनाने की पूरी कोशिश कर रही है। दक्षिण भारत में पार्टी की पैठ बढ़ाने के मकसद से इस बार 2-3 जुलाई को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी हैदराबाद में रखी गई है। इस कैंपेन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेगा रोड शो से हो […]

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‘द भारत विजय अभियान’ से शुरू होगा यहां पीएम मोदी का रोड शो
  • June 7, 2022 6:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। बीजेपी दक्षिण भारत में अपनी पैठ बनाने की पूरी कोशिश कर रही है। दक्षिण भारत में पार्टी की पैठ बढ़ाने के मकसद से इस बार 2-3 जुलाई को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी हैदराबाद में रखी गई है। इस कैंपेन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेगा रोड शो से हो सकती है। यह रोड शो राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पहले या दूसरे दिन हो सकता है जब प्रधानमंत्री कार्यकारिणी में शामिल होंगे। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव अगले साल के अंत में होंगे। इसे देखते हुए बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पीएम मोदी का रोड शो अहम माना जा रहा है।

ये नेता होंगे शामिल

जानकारी के मुताबिक बीजेपी अपने सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का फायदा पार्टी के दक्षिण भारत विस्तार में भी लेना चाहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब से उनके कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत रोड शो से होगी। इसके बाद भी प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल पार्टी नेताओं को संबोधित कर सकते हैं। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संगठन मंत्री बीएल संतोष समेत करीब 300 वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सहित दक्षिण भारत के कई राज्यों के संगठन मंत्री, प्रभारी और अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 26 मई को तेलंगाना के दौरे पर थे। यहां उन्होंने एक कार्यक्रम में शिरकत की और राजनीति में परिवारवाद पर जमकर हमला बोला। माना जा रहा था कि उनके निशाने पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन थे। प्रोटोकॉल के मुताबिक, जब प्रधानमंत्री राजकीय दौरे पर होते हैं तो मुख्यमंत्री को वहां मौजूद रहना चाहिए था, लेकिन केसीआर ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। यह केसीआर का पीएम की मौजूदगी में मौजूद नहीं होने का दूसरा मौका था, जिसकी काफी आलोचना हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम से केसीआर की गैरमौजूदगी को राज्य की चुनावी राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा था।

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