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आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक शुरू, ब्याज दरों में इतना होगा इजाफा

मुंबई। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक सोमवार से मुंबई में शुरू हो गई। नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी की अटकलों के बीच हो रही इस बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि रेपो रेट में 35 से 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी का फैसला […]

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आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक शुरू, ब्याज दरों में इतना होगा इजाफा
  • June 6, 2022 5:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

मुंबई। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक सोमवार से मुंबई में शुरू हो गई। नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी की अटकलों के बीच हो रही इस बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि रेपो रेट में 35 से 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी का फैसला लिया जा सकता है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत हैं बैठक के अध्यक्ष

बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे हैं और वह बुधवार को विचार-विमर्श के बाद मौद्रिक नीति समिति के फैसले की घोषणा करेंगे। गौरतलब है कि दास पहले ही संकेत दे चुके हैं कि रेपो रेट में एक और बढ़ोतरी हो सकती है, हालांकि वह इसे कितने बेसिस प्वाइंट बढ़ा सकते हैं इसका फैसला बैठक के नतीजे में ही होगा। लेकिन, ऐसी अटकलें हैं कि केंद्रीय बैंक कम से कम 35 आधार अंक (बीपीएस) बढ़ाकर 40 आधार अंक कर सकता है।

पिछले महीने भी हो चुकी है बैठक

गौरतलब है कि पिछले महीने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आरबीआई ने बिना किसी पूर्व सूचना के आनन-फानन में एमपीसी की बैठक बुलाई थी और रेपो दरों में 40 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी। यहां बता दें कि देश में खुदरा महंगाई के आंकड़ों को देखते हुए नीतिगत ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। देश में खुदरा महंगाई लगातार सातवें महीने बढ़कर पिछले आठ साल के उच्च स्तर को छू गई है और अप्रैल में इसका आंकड़ा 7.79 फीसदी पर पहुंच गया।

क्यो बढ़ रही कीमतें

सरकार की ओर से बताया गया कि मुद्रास्फीति मुख्य रूप से ईंधन सहित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ रही है। लंबे समय तक चले रूस-यूक्रेन युद्ध ने दुनिया भर में कमोडिटी की कीमतों को और बढ़ा दिया है। जबकि थोक मूल्य आधारित महंगाई पिछले 13 महीने से दहाई अंक में बनी हुई है और अप्रैल में रिकॉर्ड स्तर 15.08 फीसदी पर पहुंच गई। ऐसे में इस महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बदलाव से जुड़े और फैसले ले सकता है।

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