नई दिल्ली. दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र के बीच जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है. इस बार केजरीवाल सरकार ने एंटी करप्शन ब्रांच के चीफ मुकेश मीणा को एक मेमो जारी कर दिया है, जिसमें कई आरोपों पर दस दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है. इस मेमो में कहा गया है कि मीणा 10 दिन में जवाब दें अथवा जांच के लिए तैयार रहें.
क्या पूछा है केजरीवाल ने
सरकार ने मीणा से पूछा है कि आपने एडिशनल कमिश्नर एस एस यादव से FIR रजिस्टर क्यों छीना? ACB दफ्तर में अर्धसैनिक बल क्यों तैनात किए गए? इसके अलावा एंटी करप्शन हेल्पलाइन का नंबर बदलने पर बयान कैसे दिया? जबकि ये हेल्पलाइन खुद CMO की निगरानी में काम कर रही है?
ख़ास बात यह है कि दिल्ली और केंद्र के बीच दिल्ली हाईकोर्ट के दखल के बाद संघर्षविराम सा चल रहा था, क्योंकि कोर्ट ने ही दिल्ली बनाम केंद्र के सभी विवादों पर रोज़ाना सुनवाई करने और तब तक दोनों पक्षों से एक दूसरे पर कोई कार्रवाई न करने को कहा था लेकिन शुक्रवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया की केंद्र सरकार ने उनसे बिना पूछे उनके अहम अफसर ट्रान्सफर कर दिए हैं और अब इसके बाद अब केजरीवाल ने मीणा को मेमो थमा दिया है, जिससे शांत सी पड़ती दिख रही यह लड़ाई फिर शुरू होती दिख रही है.