जब किसी चीज की कद्र नहीं होती थी, तो लोग कहते थे- घर की मुर्गी दाल बराबर. लेकिन, आज की तारीख में दाल का भाव मुर्गियों से कहीं ज्यादा चढ़ा हुआ है. अरहर की दाल 200 रुपये किलो बिक रही है और डर ये है कि कहीं आने वाले दिनों में दाल 500 के पार ना चली जाए.
नई दिल्ली. जब किसी चीज की कद्र नहीं होती थी, तो लोग कहते थे- घर की मुर्गी दाल बराबर. लेकिन, आज की तारीख में दाल का भाव मुर्गियों से कहीं ज्यादा चढ़ा हुआ है. अरहर की दाल 200 रुपये किलो बिक रही है और डर ये है कि कहीं आने वाले दिनों में दाल 500 के पार ना चली जाए.
पूरे देश में दाल की कीमतों ने आम लोगों का दिवाला निकाल दिया है. बीजेपी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा आगाह कर रहे हैं कि केंद्र सरकार कुछ करे, वरना प्याज़ के आंसू की तरह दाल भी रुला सकती है. केंद्र सरकार कह रही है कि दाल का रेट कंट्रोल करने के लिए विदेश से दाल आ रही है.
अब ये बड़ी बहस का मुद्दा है कि आखिर दाल की बढ़ती कीमतों के लिए कौन जिम्मेदार है ? किसने छीना आम आदमी की थाली से दाल ?