पंजाब: 58 करोड़ के प्रोजेक्ट में स्वास्थ्य मंत्री ने ली थी इतनी घूस, किये थे 6 व्हाट्सऐप कॉल

चंडीगढ़: पंजाब सरकार प्रदेश में करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस वाली नीति पर काम कर रही है. कल मान सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था और उनके खिलाफ पंजाब पुलिस को FIR करने के निर्देश दिए थे. इसके कुछ देर बाद मंत्री की गिरफ़्तारी हो गई थी. मंत्री […]

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पंजाब: 58 करोड़ के प्रोजेक्ट में स्वास्थ्य मंत्री ने ली थी इतनी घूस, किये थे 6 व्हाट्सऐप कॉल

Girish Chandra

  • May 25, 2022 2:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

चंडीगढ़: पंजाब सरकार प्रदेश में करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस वाली नीति पर काम कर रही है. कल मान सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था और उनके खिलाफ पंजाब पुलिस को FIR करने के निर्देश दिए थे. इसके कुछ देर बाद मंत्री की गिरफ़्तारी हो गई थी. मंत्री की गिरफ़्तारी के बाद पंजाब पुलिस के विजिलेंस विंग ने उनके ओएसडी प्रदीप कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक करीब एक महीने से स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला और प्रदीप कुमार मुख्यमंत्री भगवंत मान की रडार पर थे. जैसे ही इस बात की खबर सीएम तक पहुंची तो उन्होंने गोपनीय तरीके से इसकी जांच कराई. जांच में जब सिंगला फंसे तो उनकी सरकार से छुट्टी हो गई.

इंजीनियर से इशारों में कहा था समझ लें हिसाब-किताब

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब हेल्थ सिस्टम कार्पोरेशन (PHSC) के Executive Engineer राजिंदर सिंह को एक महीने पहले स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला के OSD प्रदीप कुमार ने पंजाब भवन के कमरा नंबर 203 में बुलाया था. यह स्वास्थ्य मंत्री खुद मौजूद थे. इसके बाद मंत्री ने कहा कि वे जल्दी में है और उनसे ओएसडी प्रदीप कुमार बात करेंगे। OSD जो कुछ भी कहते हैं, समझ लें. इस गुपचुप वार्ता में राजिंदर सिंह को कथित तौर पर बताया गया था कि 58 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों को आवंटित किया गया जिसका 2 प्रतिशत यानी 1.6 करोड़ रुपये मंत्री को दिया जाए. इसेक बाद मंत्री के OSD प्रदीप कुमार ने इंजीनियर को 8 मई, 10 मई, 12 मई, 13 मई और 23 मई को वॉट्सऐप पर कॉल किए.

1% जेब में रखने की हुई थी बात

पंजाब हेल्थ सिस्टम कार्पोरेशन (PHSC) के Executive Engineer राजिंदर सिंह ने साफ कहा कि वो ये काम नहीं कर सकते, भले ही उन्हें वापस उनके विभाग में भेज दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वो डेपुटेशन पर हेल्थ विभाग में आया हैं. इसके कुछ दिन बाद 20 मई को मंत्री और उनके ओएसडी ने कथित तौर पर 10 लाख रुपये की कमीशन राशि पर बातचीत करने की कोशिश की. जिसपर राजिंदर सिंह ने कथित तौर पर उन्हें 5 लाख रुपये देने की पेशकश की. 23 मई को इंजीनियर को सेक्रट्रेरिएट बुलाया गया, जहां उनसे कहा गया कि आगे से जो भी काम अलॉट होगा या ठेकेदार को पेमेंट होगी तो उसमें से 1% रख लेना.

रिकॉर्ड कर इंजीनियर ने खोली मंत्री की पोल

PHSC के Executive Engineer ने 23 मई को सेक्रट्रेरिएट में हुई बातचीत को किसी तरीके से रिकॉर्ड कर लिया, जिसे बाद में मुख्यमंत्री और पुलिस के साथ साझा किया गया. सीएम भगवंत मान ने स्वास्थ्य मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त करने से पहले उन्हें अपने आवास पर बुलाया था और उनसे सच बताने को कहा था कि क्या इंजीनियर द्वारा रिकॉर्ड किया गया ऑडियो असली है? वहीं, भगवंत मान ने कहा था कि मंत्री द्वारा रिश्वत (शुकराना) की मांग करने की बात कबूल करने के बाद उन्हें हटा दिया गया था.

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