नई दिल्ली, थायरॉइड हमारी गर्दन के सामने एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है। जो हमारे शरीर में हर कोशिका, ऊतक और अंग को प्रभावित करने वाले हार्मोन का उत्पादन करती है। सरल भाषा में कहें तो शरीर के ठीक तरह से काम करने के लिए यह ग्लैंड महत्वपूर्ण है। भारत में थायरॉयड से […]
नई दिल्ली, थायरॉइड हमारी गर्दन के सामने एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है। जो हमारे शरीर में हर कोशिका, ऊतक और अंग को प्रभावित करने वाले हार्मोन का उत्पादन करती है। सरल भाषा में कहें तो शरीर के ठीक तरह से काम करने के लिए यह ग्लैंड महत्वपूर्ण है। भारत में थायरॉयड से हर 10 व्यक्तियों में एक जूझता है। इस वक्त भारत में 4 लाख से ज़्यादा लोग थायरॉयड से पीड़ित हैं। हर साल 25 मई को विश्व थायरॉइड दिवस मनाया जाता है। इसका मकशद लोगों को थयरॉइड स्वास्थ्य समस्या के बारे में जागरुक करना है।
थायरॉयड ग्रंथि कोशिका की मरम्मत और चय-पाचन को प्रभावित करती है साथ ही हमारे ऊर्जा स्तर और मूड को नियंत्रित करती है। इन हार्मोन्स के बिना हाइपोथायरायडिज्म रोगियों को संभावित खतरनाक लक्षणों और जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।जैसे – थकान, वज़न का बढ़ना, बालों का पतला होना,
मूड में बदलाव, चेहरे पर सूजन आना, और कब्ज।
अंडरएक्टिव थायरॉइड चयापचय, पाचन और विकास को प्रभावित करता है। इसी कारण शरीर में ऑक्सीडेटिव प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कैलोरी में गिरावट के साथ ठीक आहार लेने की भी जरूरत होती है। मरीजों को ऐसी डाइट चुनने चाहिए जिसमें प्लांट फाइबर की मात्रा अधिक हो। बता दें, यह पेट को धीरे-धीरे खाली करता है, साथ ही कम ऊर्जा का इस्तेमाल कर पेट को भरा रखता है और मल त्याग में भी ये सहायता करता है। इसके अलावा प्रोटीन को आहार में पर्याप्त मात्रा में लेना जरुरी है, क्योंकि ये मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने में मदद करते हैं।
विटामिन और खनिजों का सेवन भी जरुरी होता है। मरीज को सुबह जल्दी उठकर- वीटग्रास/स्पीरुलिना पाउडर के साथ 5 बादाम और दो अखरोट ज़रूर खाने चाहिए। इसके बाद सुबह नाश्ते में- अंडे और ब्रेड के स्लाइस खा सकते हैं या फिर मूंग की दाल के चीले के साथ हरी चटनी और दही भी खा सकते हैं।