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कुतुबमीनार पूजा विवाद: कुतुबमीनार में पूजा का अधिकार मिलेगा या नहीं, आज है कोर्ट में सुनवाई

नई दिल्ली। वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का मामला अभी नहीं सुलझा है कि कुतुब मीनार परिसर में पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर आज दिल्ली की साकेत अदालत में सुनवाई होनी है। इस याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार में हिंदू देवी-देवताओं की कई मूर्तियां मौजूद हैं। क्या दिल्ली की […]

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कुतुबमीनार पूजा विवाद: कुतुबमीनार में पूजा का अधिकार मिलेगा या नहीं, आज है कोर्ट में सुनवाई
  • May 24, 2022 11:59 am Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का मामला अभी नहीं सुलझा है कि कुतुब मीनार परिसर में पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर आज दिल्ली की साकेत अदालत में सुनवाई होनी है। इस याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार में हिंदू देवी-देवताओं की कई मूर्तियां मौजूद हैं। क्या दिल्ली की कुतुब मीनार हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाई गई थी? यह सवाल अब याचिका के रूप में साकेत कोर्ट तक पहुंच गया है। इस पर आज सुनवाई होने वाली है।

कोर्ट में अर्जी दी गई है कि कुतुबमीनार के इस परिसर में हिंदू और जैन देवी-देवताओं की बहाली की जाए और उन्हें पूजा का अधिकार दिया जाए। साकेत कोर्ट सुबह 11.30 बजे इस पर सुनवाई करेगा। याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां है। यह भी दावा किया गया है कि कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाई गई थी और परिसर में कई जगहों पर कलश, स्वास्तिक और कमल जैसे प्रतीक हैं।

एएसआई का दिया है हवाला

कोर्ट में दायर याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का हवाला देते हुए कहा गया है कि कुतुब मीनार परिसर में ही ऐसे शिलालेख मौजूद हैं जिससे साबित होता है कि वहां 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ा गया और सामग्री को नष्ट किया गया। कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को पुन: उपयोग करके परिसर के अंदर बनाया गया था। याचिका में मांग की गई है कि भगवान विष्णु, भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान सूर्य, देवी गौरी, भगवान हनुमान और जैन देवता तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव को मस्जिद स्थल पर मंदिर परिसर के अंदर बसने का अधिकार दिया जाए।

वही पुरातत्व विभाग ने याचिका में कहा है कि कुतुब मीनार एक इमारत है। यहां पर पूजा का अधिकार नहीं दिया जा सकता है।

इस मामले पर पूर्व एएसआई निदेशक धर्मवीर शर्मा का कहना है कि यह दावा मेरा नहीं है बल्कि कुतुब मीनार के साक्ष्य कहते हैं कि सूर्यस्तंभ था जो विक्रमादित्य के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। कुतुब मीनार ऊपर से फूल के आकार में दिखाई देती है।

झूठी खबर भी फैलाई

तो इसी बीच कुतुबमीनार में खुदाई और सर्वे को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक और झूठी खबरें सामने आईं। जिसका खंडन खुद केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने किया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि कुतुब मीनार को लेकर चल रही खबरें गलत हैं। कुतुबमीनार में भारत सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है। जो खबर है वो गलत है। कुछ लोगों को भड़काने के लिए, जो मीडिया में झूठा प्रचार है। यह ठीक नहीं है।

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