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Petrol Diesel: जानिए क्यों सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल, ये तीन बड़ी वजह आई सामने..

दिल्ली। भारत वासियों के लिए लंबे समय के बाद एक राहत की खबर सुनने को मिली. लंबे वक्त से आम जनता महंगाई की मार झेल रही थी. पेट्रोल,डीजल सीएनजी से लेकर रोज मर्रा की आम चीजें बढ़ रही है, लगातार बढ़ते दामों के कारण जेब खर्च पर भारी असर पड़ रहा था. इस लंबे दौर […]

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Petrol Diesel: जानिए क्यों सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल, ये तीन बड़ी वजह आई सामने..
  • May 22, 2022 2:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

दिल्ली। भारत वासियों के लिए लंबे समय के बाद एक राहत की खबर सुनने को मिली. लंबे वक्त से आम जनता महंगाई की मार झेल रही थी. पेट्रोल,डीजल सीएनजी से लेकर रोज मर्रा की आम चीजें बढ़ रही है, लगातार बढ़ते दामों के कारण जेब खर्च पर भारी असर पड़ रहा था. इस लंबे दौर के बाद शनिवार को केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की सस्ते होने की खबर दी. आईए बताते है कि किस वजह से पेट्रोल डीजल सस्ता हुआ है.

केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को घटा दिया है. इससे पेट्रोल के दाम 9.50 और डीजल के 7 रुपए प्रति लीटर कम किए गए हैं. वही राजस्थान और केरल ने भी राज्य स्तर पर रेट में कमी करके इनकी कीमतों को और कम करने का काम कर दिया है. इन्हीं कारणों से पेट्रोल और डीजल के दामों पर फर्क पड़ता है.

16 दिन में 10 रुपए महंगा

मौजूदा वक्त में पेट्रोल और डीजल की कीमत देश में बाजार की स्थिति को तय करते है. लेकिन हमने अक्सर देखा है कि चुनाव के समय इनके दामों में स्थिरता नजर आती है. जैसे कि हाल ही में उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी यह देखा गया था. जैसे ही पांच राज्य में चुनाव खत्म हुआ उसी के बाद 22 मार्च से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी वृद्धि देखने को मिल रही थी. महज 16 दिन के भीतर ही इनकी कीमत में 10रुपए प्रति लीटर वृद्धि देखी गई. इस बढ़ोतरी को लेकर सरकार को कई बड़े मोर्चा और विपक्ष की आलोचना का शिकार होना पड़ा.

थोक महंगाई 1998 के बाद चरम पर

अप्रैल 2022 में थोक महंगाई ने एक और रिकॉर् ही बना दिया. जो बढ़कर 15.08% स्तर पर पहुंच गया.. 1998 के बाद थोक महंगाई का सबसे ऊंचा स्तर है थोक महंगाई 15.32 फीसद पर थी. मार्च 2022 में इसकी दर 14.55 फ़ीसदी थी. इसकी गणना डब्ल्यूपीआई एक्स पर की जाती है. इस में पेट्रोल और डीजल का बड़ा योगदान होता है

आरबीआई की लिमिट से बाहर खुदरा महंगाई

महंगाई का आलम यह है कि आरबीआई को मई में मौद्रिक नीति समिति की आपात बैठक बुलानी पड़ी और रेपो रेट में 0.40% की बढ़ोतरी करनी पड़ी. लगभग 2 साल बाद आरबीआई ने रेपो रेट से छेड़छाड़ की और अवैध 4.40% हो गई है.
खुदरा महंगाई को बढ़ाने में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर बड़ा असर होता है. फ्यूल एंड लाइट कैटेगरी में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 1 महीने पहले की तुलना में 3 पॉइंट 1 फ़ीसदी बढ़कर 10% पर पहुंच गया था. खुदरा महंगाई को बढ़ाने की एक वजह खाने पीने की चीजों के दाम का बढ़ना भी है. लेकिन यब सीधा असर पेट्रोल डीजल पर डालती है.

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