चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 57 मौतें, हार्ट अटैक के चलते हुई 55 की मौत

उत्तराखंड: करीब 2 साल बाद चारधाम की यात्रा एकबार फिर शुरू हो गई है. आज से सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं. लेकिन इस बीच चारधाम की कठिन यात्रा कई श्रद्धालुओं की जान पर भारी पड़ रही है. अब तक इस यात्रा में 57 लोगों […]

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चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 57 मौतें, हार्ट अटैक के चलते हुई 55 की मौत

Girish Chandra

  • May 22, 2022 1:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

उत्तराखंड: करीब 2 साल बाद चारधाम की यात्रा एकबार फिर शुरू हो गई है. आज से सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं. लेकिन इस बीच चारधाम की कठिन यात्रा कई श्रद्धालुओं की जान पर भारी पड़ रही है. अब तक इस यात्रा में 57 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जिसमें से 55 की मौत हार्टअटैक के चलते हुई हैं. चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को हार्ट अटैक की वजह से बदरीनाथ-केदारनाथ समेत ऋषिकेश में 7 श्रद्धालुओं की जान चली गई।

लगातार हो रही श्रद्धालुओं की मौतों के चलते केंद्र ने भी राज्य सरकार से सवाल पूछे थे। राज्य सरकार ने कई बार बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था चाक-चौबंद सब ठीक है, लेकिन इसके बाद भी मौतों का आंकड़ा थम नहीं रहा है. अब तक 57 श्रद्धालुओं की हृदयगति रुकने से मौत हो चुकी है। कल ही केदारनाथ और बदरीनाथ में दो-दो श्रद्धालुओं की मौत हुई, जबकि ऋषिकेश में 3 श्रद्धालुओं की मौत की सूचना है। इसमें महाराष्ट्र के तीन, गुजरात, मध्य प्रदेश और यूपी के एक-एक श्रद्धालु शामिल हैं।

हेमकुंड साहिब की यात्रा आज से शुरू

सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) के कपाट श्रद्धालुओं के लिए आज 22 मई यानि रविवार से खुल गए हैं. सुरक्षा के मद्देनजर एक बार में केवल 5 हजार श्रद्धालु ही दर्शन कर पांएगे। हेमकुंड साहिब के कपाट आज 10.30 बजे तीर्थ यात्रियों के लिए खुल गए हैं. इससे पहले शनिवार को पंजाब से पहुंचे बैंड की धुनों के साथ पंज प्यारों की अगुवाई में जो बोले सो निहाल के जयघोष और अलकनंदा के जल का आचमन करने के बाद तीर्थयात्रियों का जत्था हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुआ। हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने यहां गुरुद्वारे में पंज प्यारों और तीर्थयात्रियों को दुपट्टा भेंट कर घांघरिया के लिए रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि करीब 2 साल बाद हेमकुंड साहिब की यात्रा एक बार फिर शुरु हो रही हैं और गोविंदघाट में चिकित्सकों के परामर्श के बाद ही तीर्थयात्रियों को हेमकुंड साहिब जाने की अनुमति दी जाएगी।

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