जयपुर, आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. कांग्रेस एमएलए और यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है. घोघरा ने गहलोत सरकार के कामकाज से नाराज़गी जताते हुए इस्तीफ़ा दिया है. अपने त्यागपत्र में घोघरा ने उनकी आवाज दबाए जाने को […]
जयपुर, आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. कांग्रेस एमएलए और यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है. घोघरा ने गहलोत सरकार के कामकाज से नाराज़गी जताते हुए इस्तीफ़ा दिया है.
अपने त्यागपत्र में घोघरा ने उनकी आवाज दबाए जाने को लेकर शिकायत की है. घोघरा ने बताया, आगे लिखा है कि वे अपने क्षेत्र की जनता के लिए काम करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बवजूद इसके किसी भी मंच पर उनकी बात नहीं सुनी जा रही है.
गणेश घोघरा ने पत्र में लिखते हैं, ‘मैं खेद के साथ सूचित कर रहा हूं कि मैं सत्ताधारी दल का विधायक हूं. लेकिन मुझे ऐसा महसूस होता है कि इन पदों पर होने के बावजूद मेरी बातों को अनदेखा किया जा रहा है.’
शिकायती लहजे में घोघरा ने पत्र में आगे लिखा है कि ‘स्थानीय प्रशासन में आसीन अधिकारी भी मेरी बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं. मेरे क्षेत्र की जनता की आवाज उठाने की कोशिश करने पर मुझे दबाने का प्रयास किया जा रहा है. यही कारण है कि मैं अपने विधानसभा क्षेत्र डूंगरपुर से त्याग पत्र प्रेषित कर रहा हूं.
इससे पहले भी घोघरा राजस्थान विधानसभा में 9 मार्च 2021 को दिए एक बयान से चर्चा में आ गए थे. अपने उस बयान में उन्होंने कहा था कि हम आदिवासी खुद को हिंदू नहीं मानते हैं. हम पर हिंदू धर्म थोपा जा रहा है. घोघरा ने आगे बोला था कि, हम आदिवासियों की सभ्यता-संस्कृति अलग है. हमारी परंपरा हिंदू धर्म से बहुत अलग है. इसके अलावा हिन्दुओं से हमारा कोई लेना-देना नहीं है.
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