नई दिल्ली। भारत ने रविवार को थॉमस कप बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को हराकर इतिहास रच दिया है. भारत ने 73 साल में पहली बार बैडमिंटन के इस टूर्नामेंट को जीतने में कामयाबी पाई. भारत की ओर से लक्ष्य सेन, चिराग शेट्टी और किदांबी श्रीकांत और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने […]
नई दिल्ली। भारत ने रविवार को थॉमस कप बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को हराकर इतिहास रच दिया है. भारत ने 73 साल में पहली बार बैडमिंटन के इस टूर्नामेंट को जीतने में कामयाबी पाई. भारत की ओर से लक्ष्य सेन, चिराग शेट्टी और किदांबी श्रीकांत और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने मैच जीतने में सफलता प्राप्त की. भारत ने सिंगल्स, डबल्स के बाद दूसरा सिंगल्स भी अपने नाम कर लिया। इसमें किंदांबी श्रीकांत ने जोनाथन क्रिस्टी को 21-15, 23-21 से हराया. हालांकि, चिराग शेट्टी और सात्विक साईराज रंकीरेड्डी की भारतीय जोड़ी ने पहला राउंड गंवा दिया,लेकिन दूसरे और तीसरे राउंड को जीतकर उन्होंने मैच अपने नाम किया.
थॉमस कप को आम बोल चाल में हम इसको वर्ल्ड कप भी कह सकते हैं. मालूम होगा कि बैडमिंटन का वर्ल्ड कप सुनने में थोड़ा अजीब लगता है. लेकिन जैसे टेनिस में डेविस कप होता है ठीक उसी तरह से ही बैडमिंटन में थॉमस कप होता है. यह कप इतना कठिन होता है कि इसे आज तक सिर्फ छह देश ही विजय हो पाए और इसे जीतने वाला छठा देश वही है जिसे हम सब अपना देश अपना महान भारत बोलते हैं. थॉमस कप बैडमिंटन टूर्नामेंट को जीतने वाला भारत देश बन गया है। बता दें कि भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने बैडमिंटन की इस बड़ी प्रतियोगिता को अपने नाम करने कामयाब हुई है. टूर्नामेंट शुरू होने से पहले किसी ने यह उम्मीद नहीं लगाई थी कि भारतीय टीम इतना आगे जाएगी और जीतेगी. बैडमिंटन के कट्टर फैन, जिन्होंने इस खेल को ही देखना पंसद करते हैं. इन सब दर्शकों ने बस एक मैडल की आस लगाई थी. लेकिन टूर्नामेंट जैसे-जैसे आगे बढ़ा, लोगों की उम्मीदें बढ़ती गईं.
इंडोनेशिया इस कप को सबसे ज्यादा जीतने वाला देश है. इस देश ने थॉमस कप को इतिहास में 14 बार जीत दर्ज की है. इंडोनेशिया के बाद चीन ने 10 बार इस खिताब को अपने नाम किया है। चीन के बाद मलेशिया ने 5 बार जबकि जापान और डेनमार्क ने एक-एक बार थॉमस कप जीता है
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