नई दिल्ली, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. उन्हें उन बड़े नामों में गिना जाता है जो अपने किस्सों और अपनी कहानियों को लोगों तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचाते हैं. इस बार भी उन्होंने कुछ अलग पोस्ट किया है. जहां […]
नई दिल्ली, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. उन्हें उन बड़े नामों में गिना जाता है जो अपने किस्सों और अपनी कहानियों को लोगों तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचाते हैं. इस बार भी उन्होंने कुछ अलग पोस्ट किया है. जहां मस्क ने अपने माइक्रो ब्लॉगिंग एप्लीकेशन ताजमहल से जुड़ी टिप्पणी की है.
एलन मस्क ने इस बार अपने सोशल मीडिया पर उनकी ताजमहल की यादों को ताजा किया है. उन्होंने हिस्ट्री डिफाइनंड नाम के एक अकाउंट द्वारा किये ट्वीट के जवाब में लिखा कि उनका ताजमहल का अनुभव काफी अच्छा रहा. जहां वह इसे देखने साल 2007 में गए थे लेकिन आज भी उनके मन में सातवें अजूबे की यादें ताजा हैं.
एलन मस्क की इस टिप्पणी को देख कर उनकी मां मय मस्क ने उनके दादा-दादी से जुड़ा एक किस्सा साझा किया. उनकी माँ ने इस किस्से के साथ कुछ तस्वीरें भी शेयर की है. माय मस्क लिखती हैं, “1954 में तुम्हारे दादा-दादी दक्षिण अफ़्रीका से ऑस्ट्रेलिया जाते समय ताजमहल देखने गए थे. वे एक इंजन वाले प्रोपेलर विमान में रेडियो या जीपीएस के बिना इस यात्रा को करने वाले एकमात्र कपल थे. उनकी ज़िंदगी का उद्देश्य था- सावधानी के साथ ख़तरनाक तरीक़े से जियो.”
In 1954, your grandparents flew to the Taj Mahal from South Africa, on their way to Australia. The only people to ever do this trip in a single-engine propeller plane, without a radio or GPS. Their motto “Live dangerously…. carefully.” https://t.co/JG4WQ7TbjF pic.twitter.com/YoOJP3HtSp
— Maye Musk (@mayemusk) May 9, 2022
उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब ताजमहल का मुद्दा गरमाया हुआ है. जिसमें अब इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा एक याचिका दायर की गयी है. इस याचिका में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया से ताजमहल के 22 बंद दरवाज़ों की जांच करवाने की मांग की गई है. ताजमहल को तेजो महल मानने का दवा आज से नहीं बल्कि काफी पुराना है. इस बहस में अब एक नया मोड़ आ गया है.
ताजमहल के बंद 22 कमरों में भगवान शिव की मूर्तियां और शिलालेख होने के दावे काफी समय पहले से किये जा रहे हैं. इन्हीं कमरों की जांच-पड़ताल को लेकर अब इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर करवाई गई है. इस याचिका में हाईकोर्ट से सरकार को इस मामले में एक समिति गठित करने की मांग भी की गई है. याचिका की सरकार को एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन की मांग के लिए भी कहा गया है.
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