रूस विजय दिवस : हमले की साजिश रच रहे पश्चिमी देश.. यूक्रेन से जारी जंग के बीच पुतिन

नई दिल्ली, आज रूस अपना विजय दिवस यानि विक्ट्री डे मन रहा है. इस दौरान देश के राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नागरिक और सेना को संबोधित किया है. अपने संबोधन में पुतिन ने यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों पर भी कई जुबानी हमले किये हैं और कई आरोप भी लगाए हैं. क्या बोले पुतिन? 9 मई […]

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रूस विजय दिवस : हमले की साजिश रच रहे पश्चिमी देश.. यूक्रेन से जारी जंग के बीच पुतिन

Riya Kumari

  • May 9, 2022 4:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली, आज रूस अपना विजय दिवस यानि विक्ट्री डे मन रहा है. इस दौरान देश के राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नागरिक और सेना को संबोधित किया है. अपने संबोधन में पुतिन ने यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों पर भी कई जुबानी हमले किये हैं और कई आरोप भी लगाए हैं.

क्या बोले पुतिन?

9 मई यानि रूस का विजय दिवस. रूस के विजय दिवस के दिन राष्ट्रपति पुतिन का संबोधन उनके देश में सबसे ज़्यादा सुनने वाला संबोधन होता है. इस साल ये संबोधन और भी महत्वपूर्ण है. कारण, यूक्रेन से जारी जंग. रूस के छोटे से पड़ोसी देश पर रूस ने करीब 2 महीने पहले हमला कर दिया था. इस हमले के बाद कई यूरोपीय देशों और अमेरिका के साथ रूस के संबंधों में दरार आई है. इसी बीच पुतिन ने अपने भाषण में रूस पर पश्चिमी देशों की रणनीति के खिलाफ अपनी जुबानी जंग छेड़ी है. उन्होंने यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध पर भी बड़ा बयान दिया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने विजय दिवस के दिन अपने भाषण में कहा, यूक्रेन में चल रहा यह विशेष सैनिक अभियान ज़रूरी था. उनके अनुसार रूस ने ये फ़ैसला सही समय पर किया था. इसके अलावा पुतिन ने देश के इस फ़ैसले को स्वतंत्र, मज़बूत और संप्रभु राष्ट्र के लिए सही बताया. आगे पुतिन ने रूसी लड़ाकों को संबोधित करते हुए कहा , वह रूस की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं.

यूरोपीय देशों पर किया जुबानी हमला

आगे अपने इस संबोधन में राष्ट्रपति पुतिन ने स्वीकार किया कि बीते साल से अन्य यूरोपीय देशों और नेटो के साथ रूस का तनाव चल रहा था. उन्होंने आगे बताया कि रूस द्वारा यूरोप से अपील की गई थी कि वे एक निष्पक्ष समझौता तलाश करे, लेकिन यूरोप रूस को सुनना नहीं चाहता था. यूरोप डोनबास में कार्रवाई की योजना बना रहा था, लेकिन इस दौरान रूस की कार्रवाई वहीं केंद्रित है.

पुतिन ने आगे कहा- वे ये कह रहे थे कि कीव में उन्हें शायद परमाणु हथियार मिल जाएगा। उन्होंने बात को स्पष्ट करते हुए बताया कि शायद इससे नेटो हमारे देश के नज़दीक ज़मीन ढूंढ लेता. यह रूस और इसकी सीमाओं के लिए एक संभावित खतरे के सामान हो गया था. इसलिए यूक्रेन पर ये कार्रवाई ज़रूरी थी.

नाजी जर्मनी के आत्मसमर्पण पर मनाया जाता है विजय दिवस

रूस में इस विजय दिवस कार्यक्रम को काफी अहम माना जाता है. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 8 मई 1945 को नाजी जर्मनी की हार और आत्मसमर्पण के बाद हर साल इस कार्यक्रम को रूसी सेना की विजय के रूप में मनाया जाता है।

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