नई दिल्ली, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को अब 60 दिन से भी अधिक हो गया है. ये जंग कहीं रुकने या थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी बीच रूस में हर साल 9 मई के दिन मनाए जाने वाले विजय दिवस की चर्चा तेज है. क्यों महत्वपूर्ण है विजय […]
नई दिल्ली, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को अब 60 दिन से भी अधिक हो गया है. ये जंग कहीं रुकने या थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी बीच रूस में हर साल 9 मई के दिन मनाए जाने वाले विजय दिवस की चर्चा तेज है.
रूस द्वारा हर साल 9 मई के दिन विजय दिवस मनाया जाता है. यह एक वार्षिक कार्यक्रम है जिसकी पिछले कुछ सालों में अधिक चर्चा है. इस दिन के मायनों की बात करें तो रूस के इतिहास में यह दिन अपनी महत्वता रखता है. ये वही दिन है जब द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रूस ने नाज़ी जर्मनी पर जीत हासिल की थी. इसी दिन रूस की राजधानी मॉस्को समेत अन्य शहरों में सैन्य परेड आयोजित की जाती है.
इस दिन नाज़ी जर्मनी पर द्वितीय विश्व युद्ध को लेकर रूस जश्न मनाता ही है साथ ही इस दिन रूस द्वारा युद्ध में मारे गए सैनिकों को भी याद किया जाता है. रूसी सेना इस दिन अपनी ताकत का परिचय भी देती है. वर्तमान समय की बात करे तो, व्लादिमीर पुतिन के दौर में विजय दिवस रूसी सेना और सैन्य साजो-सामान की ताकत को भी दिखने का दिन है.
द्वितीय विश्व युद्ध की बात करें तो इसमें करीब 2.7 करोड़ सोवियत नागरिक मारे गए थे. यह हानि किसी भी देश में होने वाली सबसे अधिक जनहानि थी. रूस द्वारा इस युद्ध को ग्रेट पेट्रिओटिक वॉर के रूप में याद किया जाता हैं. वहीं इस साल रूस दवरा विजय दिवस आयोजन का भी अपना महत्त्व है. यूक्रेन के साथ युद्ध को देखते हुए इस दिन की महत्वता और भी अधिक बढ़ गई है. अबतक यूक्रेन पर रूस को किसी भी प्रकार की सैन्य सफलता नहीं मिली है. बता दें करीब 2 महीने पहले रूस ने यूक्रेन पर सैन्य हमला कर दिया था जिसके जवाब में रूस का छोटा सा पड़ोसी देश अबतक युद्ध के मैदान में टिका हुआ है.
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