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राजधानी दिल्ली के तापमान में हर 5 KM पर दिख रहा है बदलाव, वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह

नई दिल्ली। उत्तर भारत में पिछले कुछ हफ्तों से गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी में गौर करने वाली बात है कि कुछ शहरी केंद्र एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर होने के बावजूद एक दूसरे से ज्यादा गर्म होते नजर आ रहे हैं. कुछ वैज्ञानिक इस घटना […]

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राजधानी दिल्ली के तापमान में हर 5 KM पर दिख रहा है बदलाव, वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह
  • May 3, 2022 4:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। उत्तर भारत में पिछले कुछ हफ्तों से गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी में गौर करने वाली बात है कि कुछ शहरी केंद्र एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर होने के बावजूद एक दूसरे से ज्यादा गर्म होते नजर आ रहे हैं. कुछ वैज्ञानिक इस घटना को ऊष्मा-द्वीप प्रभाव यानी कि हिट Island इफेक्ट का प्रभाव कहते हैं.

10 किमी . में भी बदल रहा तापमान

यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शनिवार को तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो उस दिन राजधानी में सबसे ज्यादा था. जबकि यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से महज 10 किमी दूर मयूर विहार में शहर में सबसे कम तापमान 42.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

दिल्ली के एक ही इलाके में भारी अंतर

देश में जहां चिलचिलाती धूप और गर्म हवाओं का कहर जारी है, वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक अजीबोगरीब वाकया देखने को मिला है. यहां सबसे ज्यादा और सबसे कम तापमान वाले स्थान एक दूसरे से 10 किमी से भी कम दूरी पर हैं. इसी तरह गुरुवार को दोनों जगहों की यह दूरी और भी कम रही- कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्टेशन पर जहां पारा 46 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, मयूर विहार में 42.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, ये दोनों स्टेशन 5 किमी से कम हैं.

 

वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक आर. ओ. जेनमनी इतनी कम दूरी के भीतर तापमान में इस अंतर को ‘हीट आइलैंड इफेक्ट’ का परिणाम बता रहे हैं. मौसम विभाग के वैज्ञानिक जेनमानी ने कहा कि इस ‘हीट आइलैंड इफेक्ट’ से शहरी इलाकों में दिन का तापमान 8 डिग्री बढ़ जाता है. नतीजतन, मुश्किल से 300 मीटर की दूरी वाले स्थानों में ही तापमान में महत्वपूर्ण अंतर होता है.

यह हिट आइलैंड प्रभाव क्या है?

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी की वेबसाइट के अनुसार, ज्यादातर मानव निर्मित संरचनाओं वाले शहरी केंद्र अन्य बाहरी क्षेत्रों की तुलना में उच्च तापमान के ‘द्वीप’ बन जाते हैं. इसका कारण यह है कि इमारतें, सड़कें और अन्य बुनियादी ढाँचे प्रकृति द्वारा प्रदान किए गए जल निकायों और हरित आवरण की तुलना में सूर्य की गर्मी को अधिक अवशोषित और उत्सर्जित करते हैं. इस प्रक्रिया को हिट आइलैंड इफेक्ट कहा जाता है.

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