पटियाला। पटियाला हिंसा के मास्टरमाइंड परवाना पर कई अहम खुलासे हो चुके हैं. हैरानी की बात यह है कि पटियाला हिंसा में किसान आंदोलन एक बार फिर चर्चा में है. बताया जा रहा है कि परवाना ने किसान आंदोलन में हिस्सा लिया था. खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च का विरोध करने वाले बदमाश बरजिंदर सिंह परवाना ने […]
पटियाला। पटियाला हिंसा के मास्टरमाइंड परवाना पर कई अहम खुलासे हो चुके हैं. हैरानी की बात यह है कि पटियाला हिंसा में किसान आंदोलन एक बार फिर चर्चा में है. बताया जा रहा है कि परवाना ने किसान आंदोलन में हिस्सा लिया था. खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च का विरोध करने वाले बदमाश बरजिंदर सिंह परवाना ने एसएसपी को मांग पत्र सौंपकर इंटरनेट मीडिया पर इसका प्रचार किया था. उक्त गतिविधियों की जानकारी एसएसपी व आईजी को हो गई थी. इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों की लापरवाही से श्री काली माता मंदिर पहुंची बदमाशों की भीड़, दोनों गुटों पर पथराव किया गया.
बरजिंदर सिंह परवाना को पुलिस निगरानी में रखा गया था, लेकिन शुक्रवार दोपहर वह भीड़ को संबोधित करने पहुंचा, जिसके बाद भीड़ उग्र हो गई. इस बीच वह बाइक पर मुंह ढक कर फरार हो गया. डीएसपी मोहित अग्रवाल ने प्रसाद की दुकान पर हमला करने वालों को रोकने की कोशिश नहीं की.
बता दें कि बरजिंदर सिंह परवाना कट्टर अपराधी है.परवाना दिल्ली सीमा पर किसानों के आंदोलन में भी शामिल था. वह पंजाब के सिख धार्मिक नेताओं में से एक है, जो दमदमी टकसाल जत्था राजपुरा का प्रमुख है. उसे भड़काऊ भाषण देने वाले नेता के रूप में पहचाना जाता है
1984 में जन्मा बरजिंदर सिंह परवाना मूल रूप से गगन चौक के पास गुरु गोबिंद सिंह नगर के रहने वाला है. परवाना कट्टरपंथी विचारों का व्यक्ति है. बीए करने के बाद वह 2007 में सिंगापुर चला गया. करीब 18 महीने वहां रहने के बाद और फिर भारत लौट आया. यहां आकर उसने इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल पर ज्यादातर आतंकी गतिविधियों से जुड़े पोस्ट शेयर करना शुरू कर दिया.फिर दमदमी टकसाल जत्था राजपुरा की स्थापना की और इसका प्रमुख बना.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने पटियाला के राजपुरा में कहा कि पंजाब एक संवेदनशील राज्य है. पहले भी बहुत कुछ झेल चुका है. अगर सरकार समय पर कार्रवाई करती तो इस घटना को रोका जा सकता था. इसके लिए सिर्फ पंजाब सरकार जिम्मेदार है. पिछले 10-15 दिनों से फेसबुक पर भड़काऊ बयान आ रहे थे, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. विदेशों में बैठी राष्ट्रविरोधी ताकतें पंजाब को तोड़ना चाहती हैं. पटियाला के श्री काली माता मंदिर को जिस तरह से निशाना बनाया गया वह दुखद है.
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