नई दिल्ली, शनिवार 30 अप्रैल को साल 2022 का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. हालांकि भारत में ये सूर्यग्रहण आंशिक रूप से लगेगा. चूंकि इस दिन शनैश्चरी अमावस्या भी है, ऐसे में इस बार सूर्य ग्रहण पर अद्भुत संयोग बन रहे हैं. धर्म वैज्ञानिकों और और हिंदू पंचांग के मुताबिक, सूर्यग्रहण शनिवार को तकरीबन […]
नई दिल्ली, शनिवार 30 अप्रैल को साल 2022 का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. हालांकि भारत में ये सूर्यग्रहण आंशिक रूप से लगेगा. चूंकि इस दिन शनैश्चरी अमावस्या भी है, ऐसे में इस बार सूर्य ग्रहण पर अद्भुत संयोग बन रहे हैं. धर्म वैज्ञानिकों और और हिंदू पंचांग के मुताबिक, सूर्यग्रहण शनिवार को तकरीबन रात सवा 12 बजे से शुरू होगा और 1 मई रविवार सुबह 4:07 बजे खत्म होगा.
साल का पहला सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका के अतिरिक्त अटलांटिक क्षेत्र, प्रशांत महासागर और दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी भागों में दिखाई देने वाला है. ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए भारत में इस ग्रहण का धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाएगा और पूजा-पाठ में किसी भी तरह की पाबंदियां मान्य नहीं होंगी.
साल के पहले सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा, बता दें कि आमतौर पर सूतक काल सूर्य ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले से लग जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, लेकिन भारत में ना दिखाई देने की वजह से इस सूर्यग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें हर किसी के जीवन को प्रभावित करती हैं, वहीं इन हानिकारक किरणों का सबसे ज्यादा प्रभाव गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है.
सूर्यग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर बिल्कुल भी नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि इस समय निकलने वाली सूर्य की हानिकारक किरणें उनके सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी भी नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, माना जाता है कि सूर्यग्रहण के दौरान अगर गर्भवती महिलाऐं नुकीली चीज़ों का इस्तेमाल करती हैं तो उनके बच्चे में विकृत मानसिकता आती है.
सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार की सिलाई-कढ़ाई का काम भी न करें.
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटने, कपड़े की सिलाई करने व नुकीली और धारदार उपकरणों के काम से बचना चाहिए. कहा जाता है की गर्भावस्था के दौरान अगर महिलाएं ऐसा करती हैं तो उनके बच्चों को शारीरिक दिक्कतें हो सकती हैं.