नई दिल्ली: देश में मार्च महीने के बाद 6 अप्रैल तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ। इसके चलते सरकार की जमकर लोगों ने आलोचना की और खरी-खोटी सुनाई। लेकिन कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे का जिक्र करते हुए गैर बीजेपी शासित राज्यों को जमकर निशाने पर लिया। पीएम मोदी ने […]
नई दिल्ली: देश में मार्च महीने के बाद 6 अप्रैल तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ। इसके चलते सरकार की जमकर लोगों ने आलोचना की और खरी-खोटी सुनाई। लेकिन कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे का जिक्र करते हुए गैर बीजेपी शासित राज्यों को जमकर निशाने पर लिया। पीएम मोदी ने कल राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के दौरान कहा कि कुछ राज्यों ने टैक्स में कटौती नहीं की इसलिए वहां लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान जिन राज्यों के मुख्यमंत्री का नाम लिया था अब उनकी तरफ से इसका जवाब सामने आया है। आइए जानते हैं पूरे मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें-
1- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी को जवाब देते हुए कहा कि शायद भाजपा शासित भोपाल को संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर का नाम लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में पेट्रोल और डीजल की कीमतें जयपुर से अधिक है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्यों के वैट की बात की लेकिन केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क की जानकारी नहीं दी।
2- महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टैक्स कम नहीं करने वाले आरोप का जवाब देते हुए कहा कि सबसे ज्यादा टैक्स देने वाला राज्य महाराष्ट्र ही है। लेकिन आर्थिक मोर्चे पर महाराष्ट्र के साथ केंद्र सरकार भेदभाव करती है। उन्होंने कहा कि 26,500 करोड रुपए का जीएसटी अभी बकाया है जो अब तक राज्य को नहीं मिल पाया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार को सभी राज्यों के प्रति एक जैसा बर्ताव करना चाहिए न कि महाराष्ट्र के साथ सौतेला रुख अपनाना चाहिए।
3- महाराष्ट्र के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहां की प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें राज्य को कम करनी चाहिए। लेकिन राज्य ऐसा कैसे कर सकते हैं?। सीएम ममता ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमत अपने बढाई है। क्या आपने तेल की कीमतों से हुई अपनी कमाई देखी है? सीएम ममता ने कहा कि हमने कहा था कि केंद्र और राज्यों का रेवेन्यू बराबर होना चाहिए, लेकिन वह ( केंद्र) इसके लिए तैयार नहीं हुए. ममता ने कहा कि केंद्र सरकार 75 फ़ीसदी टैक्स वसूलती है।
4- तेलंगाना के सीएम केसीआर ने पीएम मोदी को जवाब देते हुए कहा कि तेलंगाना ने 2014 से पेट्रोल-डीजल पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को कोई हक नहीं है कि वह राज्यों से टैक्स कम करने के लिए कहें। सीएम KCR ने कहा कि जब से टीआरएस सत्ता में आई है तब से तेल पर कोई टैक्स नहीं बढ़ाया गया है इसलिए कम करने का सवाल पैदा ही नहीं होता।
5- झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस मामले पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य को लेकर बैठक की लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य पर बातें कम और पेट्रोल डीजल पर ज्यादा की, जिससे बैठक राजनीतिक हो गई। झारखंड का नाम लिया भी तो मुझे लगता है कि बैठक पेट्रोल डीजल के दाम में हो रही वृद्धि पर सफाई देने के लिए थी। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की दिशा और दशा पूरी तरह से सरकार पर निर्धारित करती है।
6- कांग्रेस की तरफ से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेट्रोल-डीजल वाले बयान पर जवाब दिया गया। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आंकड़े जारी कर बताया कि कांग्रेस के दौर में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.40 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर थी। लेकिन मोदी सरकार के दौर में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 27.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है। उन्होंने कहा कि सरकार इस हिसाब से तुरंत पेट्रोल और डीजल पर ₹18 एक्साइज ड्यूटी कम करें।
7- डीएमके सांसद टीकेएस एलगोवन ने पीएम मोदी के बयान पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तेल पर टैक्स करने के लिए सिर्फ विपक्षी राज्यों का ही जिक्र किया। वे ये नहीं कह सकते कि गुजरात और कर्नाटक को भी टैक्स हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार जितना टैक्स वसूल रही है वह इन राज्यो से 3 गुना ज्यादा है।
8- हरियाणा से कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में पेट्रोल और डीजल पर सबसे ज्यादा वैट है। इंटरनेशनल मार्केट में दाम बढ़ने से तेल के दाम बढ़ रहे हैं, लेकिन जब इंटरनेशनल मार्केट में गेहूं के दाम बढ़ते हैं तो किसान को ज्यादा एमएसपी क्यों नहीं मिलती? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल कर अपने काम से भाग रही है।
9- पीएम मोदी ने कल बैठक के दौरान कहा था कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में पिछले नवंबर में कमी की थी। राज्यों से भी इस बात का आग्रह किया गया था लेकिन कुछ राज्यों ने ऐसा नहीं किया और इसके चलते जनता लाभ नहीं मिला।
10- पीएम मोदी ने इस बैठक में राज्यों का भी नाम लिया, जिन्होंने टैक्स में कोई कटौती नहीं की है। इसमें महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड और केरल का नाम लिया गया। राज्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब ये राज्य लोगों को राहत देने का काम कर सकते हैं।