नई दिल्ली, यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वोन डर लेन ने यूरोप के कुछ देशों में रूस से आने वाली गैस सप्लाई को बंद करने के रूस के फैसले को हथियार बताया है. उन्होंने रूस के इस फैसले को अनुचित और अस्वीकार्य भी बताया है. क्या बोलीं यूरोपीय आयोग प्रमुख? यूक्रेन पर आक्रमण के बाद […]
नई दिल्ली, यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वोन डर लेन ने यूरोप के कुछ देशों में रूस से आने वाली गैस सप्लाई को बंद करने के रूस के फैसले को हथियार बताया है. उन्होंने रूस के इस फैसले को अनुचित और अस्वीकार्य भी बताया है.
यूक्रेन पर आक्रमण के बाद अब पुरे विश्व में राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं. अमेरिका और पश्चिमी देशों को लेकर रूस भी अब प्रतिबंध कार्रवाई का रवैया अपना रहा है. यूरोप के कई देशों में रूस अपने संसाधनों को पहुंचाता है. इनमें से एक गैस की सप्लाई भी है. लेकिन अब रूस ने इस सप्लाई को रोकने का फैसला कर लिया है. इस मामले पर यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वोन डर लेन ने अब प्रतिक्रिया जताते हुए रूस के इस फैसले को ब्लैकमेल का हथियार बताया है. उनके शब्दों में, ‘रूस का ये फैसला उसकी अविश्वसनीयता को दिखता है.’ इसके अलावा रूस की ऊर्जा कंपनी का भी बयान सामने आया है जहां रूस की ऊर्जा कंपनी गैज़प्रॉम के मुताबिक इस प्रतिबंध का कारण रूबल में भुगतान करने से यूरोपीय देशों का इंकार है.
उर्सुला ने इस मामले में आगे बताया इस समस्या को लेकर यूरोपीय संघ के सदस्यों देशों के पास एक आपातकालीन योजना है. जहां सदस्य देशों से संपर्क में यूरोपीय देश रहकर वैकल्पिक व्यवस्था को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं. दूसरी ओर रूस के एक शीर्ष सांसद का कहना है कि रूस की कंपनी द्वारा गैस सप्लाई बंद करने का फैसला सही है. रूसी संसद के निचले सदन के स्पीकर व्याचेस्लाव वोलोदिन ने अपने सोशल मीडिया पर इस बात को साझा किया है. और अन्य देशों के साथ भी ऐसा ही करने की सलाह दी है जो रूस के अच्छे दोस्त नहीं हैं.
इस बीच पोलैंड की गैस सप्लाई कंपनी PGNiG का कहना है कि गैज़प्रॉम ने गैस सप्लाई रोककर अनुबंध का उल्लंघन किया है. वो रूस के इस रवैये पर क़ानूनी तरीक़े से मुआवज़ा हासिल करने की कोशिश करेगी. इस मामले पर ब्रिटेन ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री डोमिनिक रॉब ने कहा, ‘गैस सप्लाई रोकने वाले फ़ैसले से रूस अपने आप को और अलग-थलग कर रहा है. स्काई न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि रूस पर इसका उल्टा असर पड़ेगा.’
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