नई दिल्ली, दिल्ली के सरोजिनी नगर में स्थित झुग्गियों को हटाने का मामला अब सर्वोच्च न्यायलय में है. यहां मौजूद करीब 200 झुग्गियों को हटाने की याचिका पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक के आदेश दे दिए हैं. गरीब लोगों के प्रति अपनाये मानवीय रवैया सरोजिनी नगर में स्थित झुग्गियों को हटाने वाली याचिका की […]
नई दिल्ली, दिल्ली के सरोजिनी नगर में स्थित झुग्गियों को हटाने का मामला अब सर्वोच्च न्यायलय में है. यहां मौजूद करीब 200 झुग्गियों को हटाने की याचिका पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक के आदेश दे दिए हैं.
सरोजिनी नगर में स्थित झुग्गियों को हटाने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को गरीब लोगों के प्रति मानवीय रवैया अपनाने को कहा है. मामले में केंद्र और अन्य लोगों को नोटिस जारी किया है. मामले में अगली सुनवाई 2 मई को होने जा रही है. मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस केएम जोसेफ ने केंद्र को नसीहत देते हुए कहा है कि जब आप उनके साथ व्यवहार करते हैं तो मानवीय व्यवहार करें. आप एक मॉडल सरकार के रूप में ऐसे काम नहीं कर सकते. आपके पास कोई नीति नहीं होगी और उन्हें बस बाहर फेंक दें जैसे कदम नहीं उठा सकते.
याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने अदालत में कहा कि इस तरह इन लोगों को बिना किसी पुनर्वास योजना के हटाया नहीं जा सकता. ये लोग कहां जाएंगे. इसी तरह हरियाणा के खोड़ी में भी हटाने से पहले पुनर्वास के आदेश दिए गए थे इन लोगों को भी सर के ऊपर छत की आवश्यकता है. कुछ ही समय में बोर्ड की परीक्षा भी शुरू हो रही हैं. सभी बच्चे समेत उनके माता-पिता भी शहर में काम कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें हवा में गायब होने के लिए नहीं कहा जा सकता।
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने चार अप्रैल को इन झुग्गियों को हटाने के आदेश दिए थे. सरोजनी नगर की इन 200 झुग्गी में सैंकडों लोगों को बाहर निकालने के आदेश भी दिए गए थे. झुग्गी में रहने वालो ने दिल्ली झुग्गी पुनर्वास नीति का हवाला देते हुए कहा गया था कि एक जनवरी 2006 से पहले अस्तित्व में आई झुग्गी बस्तियों को हटाने से पहले उनका पुनर्वास किया जाएगा, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इस बाबत दिए गए पुराने फैसलों को भी दरकिनार कर दिया गया है. अब मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जा रही है.
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