Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • जहांगीरपुरी हिंसा: बुलडोजर के बाद ठप हुआ कामकाज, लोगों ने सुनाई आपबीती

जहांगीरपुरी हिंसा: बुलडोजर के बाद ठप हुआ कामकाज, लोगों ने सुनाई आपबीती

नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद से माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. बीते 1 हफ्ते से चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिसबल की तैनाती की गई है. हर एक गली-मोहल्ले को पुलिस ने बंद किया है और बाहरी किसी भी व्यक्ति के आने पर पूर्ण रूप से रोक है. पुलिस के शख्त कानून की […]

Advertisement
जहांगीरपुरी हिंसा
  • April 22, 2022 3:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद से माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. बीते 1 हफ्ते से चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिसबल की तैनाती की गई है. हर एक गली-मोहल्ले को पुलिस ने बंद किया है और बाहरी किसी भी व्यक्ति के आने पर पूर्ण रूप से रोक है. पुलिस के शख्त कानून की वजह से उन लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है जिन लोगों की इन गलियों में दुकान हैं. सब कुछ बंद होने की वजह से काम-काज पर बुरा असर पड़ा है और छोटे मजदूरों को इससे आर्थिक नुक्सान हो रहा है. वहीं इस पूरे घटनाक्रम से उन लोगो को सबसे ज़्यादा दिक्कत हो रही है, जिनका इससे कुछ लेना-देना नहीं है.

क्या कह रहे है स्थानीय निवासी

जहांगीरपुरी में जिन लोगों की दुकान है उनमें से एक दुकानदार अनवर का कहना है कि त्यौहार का समय है और पिछले एक हफ्ते से दुकान बंद पड़ी है, ऐसे में खाने के लिए भी पैसे नहीं है, रोज़ कमाने और रोज़ खाने वाले लोग है हम.’ सरकार के इस कदम से हमे बहुत नुकसान हुआ है. मस्जिद से 20 मीटर की दूरी पर श्यामलाला की हलवाई की दुकान है. वे कहते है कि “एक दिन में अच्छी कमाई होती थी लेकिन इस पूरी हिंसा के बाद सिर्फ आस-पास के लोग ही जो सामान ले रहे है सिर्फ वहीं बिक रहा है, नहीं तो सुबह से दुकान खोल कर बैठ जाते है और बीएस मक्खियां मारते है, ना तो बाहर जा सकते हैं और ना ही कमाई हो रही है.

उधारी पर चल रहा घर,……..

जहांगीरपुरी में जिस कुशल चौराहे के पास यह पूरी घटना हुई उस के सामने दीपक की लोहा वेल्डिंग की दुकान है. उनका घर दुकान से महज कुछ ही दूरी पर है. दीपक बताते है कि सुबह-सुबह हम दुकान खोल देते है लेकिन गलियां, रास्ते बंद होने की वजह से दुकान पर ग्राहकों की आवाजाही नहीं हैं. उन्होंने बताया कि दुकान का मासिक किराया 6 हजार रूपये है, जिसमें से इस महीने केवल 15 दिन दुकान खुली है, आगे के दिनों का कुछ नहीं पता. दीपक ने कहा कि ऐसी स्थिति में हम दुकान का किराया कैसे देंगे। घर पर खाने का लिए कुछ नहीं है, पिछले एक हफ्ते से घर उधारी पर चल रहा है.

कैसे हुई थी हिंसा?

गौरतलब है कि हनुमान जयंती के दिन हुए इस उपद्रव को लेकर दोनों पक्षों के अपने दावे है. शोभायात्रा निकालने वाले लोगों का कहना है कि पीछे से पथराव किया गया तो वहीं दूसरे पक्ष का दावा है कि शोभायात्रा की आड़ में उनके धार्मिक स्थल में घुसने का प्रयास किया गया. जिसके बाद उपद्रव शुरू हुआ।

यह भी पढ़ें:

Delhi-NCR में बढ़े कोरोना के केस, अध्यापक-छात्र सब कोरोना की चपेट में, कहीं ये चौथी लहर का संकेत तो नहीं

IPL 2022 Playoff Matches: ईडन गार्डन्स में हो सकते हैं आईपीएल 2022 के प्लेऑफ मुकाबले, अहमदाबाद में होगा फाइनल

Advertisement