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400 प्रकाश पर्व: लाल किले से सूर्यास्त के बाद पहली बार बोलेंगे प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी आज रात करीब 9:15 बजे दिल्ली के लाल किले में गुरु तेग बहादुर के 400 प्रकाश पर्व के समारोह में शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री उपस्थिति लोगों को संबोधित करेंगे और एक स्मारक सिक्का तथा डाक टिकट भी जारी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के […]

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400 प्रकाश पर्व: लाल किले से सूर्यास्त के बाद पहली बार बोलेंगे प्रधानमंत्री मोदी
  • April 21, 2022 9:55 am Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी आज रात करीब 9:15 बजे दिल्ली के लाल किले में गुरु तेग बहादुर के 400 प्रकाश पर्व के समारोह में शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री उपस्थिति लोगों को संबोधित करेंगे और एक स्मारक सिक्का तथा डाक टिकट भी जारी करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार द्वारा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से किया जा रहा है. यह दो दिवसीय (20 और 21 अप्रैल) को होने वाले कार्यक्रम के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से रागी और बच्चे शब्द कीर्तन में भाग लेंगे। यहां गुरु तेग बहादुर के जीवन को दर्शाने वाला एक भव्य लाइट एंड साउंड शो भी होगा। इसके अलावा सिखों की पारंपरिक मार्शल आर्ट- गतका, का भी आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम नौवें सिख गुरु , गुरु तेग बहादुर के उपदेशों को रेखांकित करने पर केंद्रित है।

प्रेस विज्ञप्ति में सरकार की ओर से कहा गया कि गुरु तेग बहादुर ने विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। उन्हें मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर कश्मीरी पंडितों की धार्मिक स्वतंत्र का समर्थन करने के लिए मार डाला गया था. उनकी पुण्यतिथि 24 नवंबर को हर साल शहीदी दिवस के रूप में मनाई जाती है। सरकार की ओर से कहा गया कि दिल्ली में गुरुद्वारा शीश गंज साहिब और गुरुद्वारा रकाबगंज उनके पवित्र बलिदान से जुड़े हैं. उनकी विरासत इस राष्ट्र के लिए एकजुटता की एक महान शक्ति के रूप में कार्य करती है।

अमित शाह ने किया नमन

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बुधवार को श्री गुरु तेग बहादुर को नमन करते हुए कहा कि उनके और गुरु गोविंद सिंह के सर्वोच्च बलिदान ने भारत की स्वत्रंता के बीज बोये हुए थे. उन्होंने गुरु तेग बहादुर 400वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा सिख गुरु ने मुगल शासकों द्वारा प्रताड़ित कश्मीरी पंडितों और अन्य हिंदुओं की सुरक्षा के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया था।

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