वाराणसी: यूपी समेत देश के अन्य हिस्सों में अब लाउडस्पीकर पर राजनीति शुरू हो गई है. अजान के वक़्त अलग-अलग शहरों में हनुमान चालीसा बजाने की एक प्रथा चलाई जा रही. देशभर में धर्म और अध्यात्म नगरी के नाम पर मशहूर काशी, से समाजवादी पार्टी के पूर्व पार्षद रविकांत विश्वकर्मा ने लाउडस्पीकर को लेकर एक […]
वाराणसी: यूपी समेत देश के अन्य हिस्सों में अब लाउडस्पीकर पर राजनीति शुरू हो गई है. अजान के वक़्त अलग-अलग शहरों में हनुमान चालीसा बजाने की एक प्रथा चलाई जा रही. देशभर में धर्म और अध्यात्म नगरी के नाम पर मशहूर काशी, से समाजवादी पार्टी के पूर्व पार्षद रविकांत विश्वकर्मा ने लाउडस्पीकर को लेकर एक अनोखा प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी घर की छत पर लाउडस्पीकर लगाया लेकिन उसमें हनुमान चालीसा या अजान नहीं बल्कि महंगाई के गाने बजाए. समाजवादी पार्टी के पूर्व पार्षद के द्वारा किया गया यह अनोखा प्रदर्शन पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है. इन गानो के जरिये वे लोगों को बता रहे है कि महंगाई बढ़ रही है और लोग इससे परेशान है.
वाराणसी में समाजवादी पार्टी के पूर्व पार्षद रविकांत विश्वकर्मा ने आज़ान बनाम हनुमान चालीसा के मुद्दे पर कहा कि सिर्फ सांसो का थम जाना ही मृत्यु नही है. वह व्यक्ति भी मरा हुआ है जो गलत को गलत कहने की हिम्मत नही रखता. आज देश में मुख्य मुद्दा महंगाई,बेरोजगारी,शिक्षा,स्वास्थ्य और सुरक्षा है. लाउडस्पीकर से बजने वाले अज़ान और आरती मुद्दा नही है. पूर्व पार्षद रवि कांत विश्वकर्मा ने अपने छत पर लाउडस्पीकर लगाकर सखी सइंया खूब कमात है महंगाई डायन खाए जात है. इस गीत को बजा कर वे लोगों को असल मुद्दे की ओर आकर्षित कराना चाहते हैं.
रविकांत विश्वकर्मा ने बताया कि लाउडस्पीकर बजाने वालों से और आरती से कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यर्थ बातो से जनता को भटकाया जा रहा है, लेकिन जब तक हम लोग समाजवादी पार्टी के सिपाही हैं, हम लोगों तक मुख्य मुद्दा पहुंचाते रहेंगे. इसलिए मैंने अपने घर पर लाउडस्पीकर लगाकर महंगाई का फिल्मी गीत बजाय।