नई दिल्ली। भले ही इस साल देश में सामान्य मानसून का पूर्वानुमान जारी किया गया हो, लेकिन दिल्ली में यह सामान्य से बेहतर रहेगा. इसकी दस्तक भी समय पर होगी और शुरुआत भी काफी अच्छी रहने की उम्मीद है. साल 2021 में दिल्ली में मानसून ने बारिश का 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ा था , […]
नई दिल्ली। भले ही इस साल देश में सामान्य मानसून का पूर्वानुमान जारी किया गया हो, लेकिन दिल्ली में यह सामान्य से बेहतर रहेगा. इसकी दस्तक भी समय पर होगी और शुरुआत भी काफी अच्छी रहने की उम्मीद है. साल 2021 में दिल्ली में मानसून ने बारिश का 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ा था , इस साल भी नया रिकॉर्ड बनाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. क्योंकि मौसम विभाग की पूर्वानुमान तो कुछ इसी और इशारा कर रहा है.
स्काईमेट वेदर के मुताबिक राजधानी दिल्ली और एनसीआर के शहरों में सामान्य तौर पर मानसून 26 से 27 जून के बीच पहुंचता है. महीने के अंत तक यह दस्तक दे दी जाएगी. इससे पहले प्री-मानसून की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी. जुलाई में मानसून पूरे शबाब पर होगा. इस माह यह सामान्य या सामान्य से थोड़ा बेहतर रहने की संभावना है.
स्काईमेट के मुताबिक जुलाई तक मानसून पर ला नीना गतिविधि का असर दिल्ली के मानसून पर भी पड़ेगा. इस वजह से भी अच्छी बारिश की संभावना है. इसके बाद ला नीना के निष्प्रभावी होने से अगस्त और सितंबर में बारिश में कुछ कमी आएगी, लेकिन इसके बाद भी मानसून सामान्य रहेगा.दिल्ली-एनसीआर में भी सितंबर के अंत तक सामान्य रूप से मानसून की वापसी होने लगती है. लेकिन इस महीने भी थोड़े-थोड़े अंतराल पर बारिश की संभावना है. कुल मिलाकर, मानसून के चार महीनों के दौरान राजधानी में सामान्य या अधिक बारिश होने की उम्मीद है.
प्रशांत महासागर में भूमध्य रेखा के ऊपर 140 और 120 डिग्री के बीच के क्षेत्र को नीनो-3.4 क्षेत्र कहा जाता है. जब इस क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कम होता है, तो उसी स्थिति को ला नीना कहा जाता है. इसका असर भारत समेत दुनिया भर के मौसम पर पड़ रहा है. ला नीना के कारण समुद्र की सतह ठंडी हो जाती है. इससे भारत में भारी ठंड और बारिश की संभावना बढ़ गई है.