विद्याशंकर तिवारी लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और विधान परिषद चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद भाजपा की नज़र अब लोकसभा चुनाव 2024 में कमल खिलाने की है लिहाजा नया प्रदेश अध्यक्ष ऐसा ढूंढा जा रहा है जो संगठन चलाने और सबको साथ लेकर चलने में माहिर हो. दो जातियों ब्राह्मण और दलित […]
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और विधान परिषद चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद भाजपा की नज़र अब लोकसभा चुनाव 2024 में कमल खिलाने की है लिहाजा नया प्रदेश अध्यक्ष ऐसा ढूंढा जा रहा है जो संगठन चलाने और सबको साथ लेकर चलने में माहिर हो. दो जातियों ब्राह्मण और दलित समुदाय में ऐसे चेहरे ढूंढे जा रहे हैं.
मौजूदा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के मंत्री बन जाने के बाद भाजपा अब नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश में है. सूबे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाने के 20 साल के सियासी पैटर्न को देखें तो किसी ब्राह्मण समुदाय के हाथों में कमान दिए जाने की संभावना है लेकिन पार्टी के हाल के रुख को देखें तो लगता है कि पार्टी में अब दलित चेहरे पर भी दांव लगा सकती है. ऐसे में, प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर यदि किसी ब्राह्मण चेहरे पर मुहर नहीं लगती तो दलित चेहरे के तौर पर विद्यासागर सोनकर का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है.
हालांकि, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष के पद पर श्रीकांत शर्मा और दिनेश शर्मा सहित महामंत्री अनूप गुप्ता के नाम की खूब चर्चा है, लेकिन पार्टी के जातीय समीकरण के हिसाब से प्रदेश अध्यक्ष के पद पर विद्यासागर सोनकर फिट बैठते हुए दिखाई दे रहे हैं. सोनकर दलित समुदाय से हैं और जिस तरह से इस बार विधानसभा चुनाव में दलितों ने पार्टी का खुलकर साथ दिया, ऐसे में 2024 में इस वोट बैंक को बनाए रखने के लिए भाजपा यह दांव चल सकती है.
आरएसएस की पृष्ठभूमि से आने वाले एमएलसी विद्यासागर सोनकर का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. सोनकर के बारे में बताएं तो, साल 1985 में बीजेपी के बूथ अध्यक्ष और 1989 में सभासद का चुनाव जीतकर अपनी सियासी पारी शुरू की थी. उसके बाद विद्यासागर सोनकर के राजनीतिक सफर में कई उतार-चढ़ाव आए.
विद्यासागर सोनकर पूर्वांचल के जौनपुर जिले के सुखीपुर के रहने वाले हैं और अपनी पढ़ाई के दौरान ही संघ से जुड़ गये थे और बीजेपी के बूथ अध्यक्ष बने. 2000 में सोनकर पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे हैं. सोनकर जौनपुर से सभासद और फिर 1996 में सैदपुर संसदीय सीट से भाजपा सांसद चुने गए.
हालांकि, 2009 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में विद्यासागर सोनकर को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन फिर भी वे पीछे नहीं हटे और डटे रहे, जिसके बाद उन्हें 2016 में विधान परिषद का सदस्य भी बनाया गया. इसके अलावा, विद्यासागर सोनकर ने केशव प्रसाद मौर्य से लेकर स्वतंत्र देव सिंह की टीम में प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली है.