नई दिल्ली: गानों के बिना हिंदी फिल्म की कल्पना करना मुश्किल है. गाने बॉलीवुड फिल्मों का अहम हिस्सा है. हिंदी बॉलीवुड इंडस्ट्री में फिल्मों के गाने उनकी जान होते हैं. फिल्म को हिट सुपरहिट बनाने में जितना उनके स्क्रिप्ट और डायलॉग का हाथ होता है, उतनी ही अहमियत फिल्म में गानों को दी जाती है. […]
नई दिल्ली: गानों के बिना हिंदी फिल्म की कल्पना करना मुश्किल है. गाने बॉलीवुड फिल्मों का अहम हिस्सा है. हिंदी बॉलीवुड इंडस्ट्री में फिल्मों के गाने उनकी जान होते हैं. फिल्म को हिट सुपरहिट बनाने में जितना उनके स्क्रिप्ट और डायलॉग का हाथ होता है, उतनी ही अहमियत फिल्म में गानों को दी जाती है. कई बार तो फिल्म अपने जबरदस्त गानों की वजह से एक अलग पहचान बना पाती हैं. लेकिन कुछ ऐसी भी बॉलीवुड फिल्में है जिनमें गाने नहीं है जी हाँ एक भी गाने नहीं है. बावजूद इसके फिल्म अपनी जबरदस्त कहानी और अदाकारी से एक अलग मुकाम पर हैं.
अपने गीतों के शानदार पिक्चराइजेशन के लिए जाने जाने वाले यश चोपड़ा ने साल 1969 में राजेश खन्ना और नंदा अभिनीत सॉन्ग लेस थ्रिलर मूवी बनाई. ये चौथी ऐसी हिंदी फिल्म थी जिसमें कोई गाना नहीं है. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 2 करोड़ के करीब की कमाई की.
मल्टीस्टारर फिल्म ‘डरना मना है’ जो बिना किसी गाने और धुन के जबरदस्त हिट रही. फिल्म डरना मना है में कई सितारों ने काम किया था और हर किरदार की अपनी एक अलग कहानी बयां की गई थी. इस फिल्म की खासियत ये है कि फिल्म सॉन्ग लैस होने के बावजूद ऑडियंस को रोककर रख पायी. फिल्म में शिल्पा शेट्टी, सैफ अली खान, सोहेल खान और नाना पाटेकर नजर आए थे.
राम गोपाल वर्मा की इस फिल्म की कहानी बहुत ही जबरदस्त थी. फिल्म में उर्मिला मातोंडकर और मनोज बाजपेयी लीड रोल में थे, और इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर को खूब पसंद भी किया गया. इसकी कहानी अनुराग कश्यप ने लिखी थी.
‘अ वेडनेसडे’ ने अपनी लाजवाब कहानी और बेहतरीन अदायगी के लिए खूब सुर्खियां बटोरीं. फिल्म में एक आम आदमी की कहानी दिखाई गई जो बुराई को खत्म करने के लिए सिस्टम से खुद टक्कर लेता हुआ नजर आया. फिल्म में एक भी गाना नहीं है बावजूद इसके नसीरुद्दीन शाह और अनुपम खेर की दमदार अदाकारी ने फिल्म को हिट बना दिया.
इरफान खान की फिल्म ‘द लंच बॉक्स’ को दर्शकों ने खूब पसंद किया. इरफान खान की अदाकारी ने फिल्म द लंचबॉक्स को एक अलग ही मुकाम पर पहुंचा दिया. फिल्म दो ऐसे लोगों की कहानी पर आधारित है जो एक दूसरे को जानते तो नहीं है लेकिन लंच बॉक्स उनको जोड़ने का एक जरिया बन जाता है और इसी लंच बॉक्स के जरिए दोनों एक दूसरे से मिलते हैं. लंच बॉक्स फिल्म में एक भी गाना नहीं है. बिना गाने के भी इस फिल्म ने बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई.