नई दिल्ली: पाकिस्तान में इमरान खान सरकार गिरने के बाद कल नए प्रधानमंत्री को लेकर वोटिंग होनी है. जानकारी के मुताबिक संयुक्त विपक्ष ने शहबाज शरीफ को अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाया है. नई सरकार में कौन-कौन से नेता शामिल होंगे, सभी इस बात को जानना चाहते है. वहीं नए विदेश मंत्री को लेकर भी सियासी […]
नई दिल्ली: पाकिस्तान में इमरान खान सरकार गिरने के बाद कल नए प्रधानमंत्री को लेकर वोटिंग होनी है. जानकारी के मुताबिक संयुक्त विपक्ष ने शहबाज शरीफ को अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाया है. नई सरकार में कौन-कौन से नेता शामिल होंगे, सभी इस बात को जानना चाहते है. वहीं नए विदेश मंत्री को लेकर भी सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई है. खबर है कि नई सरकार में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो को अगला विदेश मंत्री नियुक्त किया जा सकता है.
स्थानीय न्यूज़ एजेंसी ने बताया कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पद भी अहम है लेकिन विपक्ष ने जिस बात पर इमरान खान को सबसे ज़्यादा टारगेट किया था वो था गलत’ विदेश नीतिया। ऐसे में नई सरकार में यह ज़िम्मेदारी किसे दी जाएगी यह एक अहम सवाल है. ख़बरों के मुताबिक यह ज़िम्मेदारी बिलावल भुट्टो-ज़रदारी को दी जा सकती है.
बेनजीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी अपनी मां की हत्या के बाद 19 साल की उम्र में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बन गए थे। बिलावल भुट्टो ने अपनी शिक्षा-दीक्षा ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से पूरी की है। बिलावल भुट्टो को उनकी मां की तरह ही प्रगतिशील माना जाता है क्योंकि वे महिलाओं और अल्पसंख्यकों की आवाज उठाते हैं और उनके लिए काम करते हुए नजर आए है। वे पूर्व राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के नवासे है.
इमरान खान सरकार की आलोचना करते हुए बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) को विवादास्पद बना दिया है. इसके साथ ही उन्होंने शनिवार को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान खान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी पर निशाना साधते हुए सवाल किया था कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में क्यों मौजूद नहीं थे, जिसमें पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी नीत सरकार को गिराने की तथाकथित “विदेशी साजिश” पर चर्चा की गई.