Political Crisis in Pakistan: नई दिल्ली, पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में रविवार का दिन काले अध्याय के रुप में दर्ज हो गया. पाकिस्तान के निचले सदन में इमरान खान सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) को डिप्टी स्पीकर द्वारा खारिज किए जान के बाद के बाद विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट का […]
नई दिल्ली, पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में रविवार का दिन काले अध्याय के रुप में दर्ज हो गया. पाकिस्तान के निचले सदन में इमरान खान सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) को डिप्टी स्पीकर द्वारा खारिज किए जान के बाद के बाद विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को स्वत: संज्ञान ले लिया. इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
पाकिस्तानी संसद को भंग करने के मामले में पाक सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस उमर अता बंदियाल (Justice Omar Ata Bandiyal) ने रविवार को बयान जारी करते हुए कहा कि नेशनल असेंबली भंग होने के मामले में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के सभी कार्य और आदेश सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के अधीन में ही होंगे।
संसद भंग मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले विपक्षी दलों के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी (Deputy Speaker Qasim Khan Suri) द्वारा अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की फुल बेंच करे. विपक्ष ने स्वत: संज्ञान लिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कि देश के सामने मौजूद इतने गंभीर संवैधानिक संकट (Constitutional Crisis) को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट का ये संक्षिप्त आदेश स्वागात योग्य है।
बता दे कि नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को रविवार डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने खारिज कर दिया था और संसद की कार्यवाही को 25 अप्रैल तक स्थगित कर दिया था. विपक्षी पार्टी के नेताओं की मांग थी कि पाकिस्तान संसद के निचले सदन में रविवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो, लेकिन उनकी ये मांग खारिज हो गई. इसके बाद प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (President Arif Alvi) ने संसद को भंग कर दिया था।