10 Nuclear Power Plants to be Built Together: नई दिल्ली, अब भारत में लोगों को बिजली की कमी से नहीं जूझना होगा. केंद्र सरकार ने हर जगह बिजली पहुंचाने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए बहुत जल्द ही 10 परमाणु संयत्र (10 Nuclear Power Plants to be Built Together) की स्थापना की जाएगी. ये […]
नई दिल्ली, अब भारत में लोगों को बिजली की कमी से नहीं जूझना होगा. केंद्र सरकार ने हर जगह बिजली पहुंचाने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए बहुत जल्द ही 10 परमाणु संयत्र (10 Nuclear Power Plants to be Built Together) की स्थापना की जाएगी. ये संयत्र भारत में 2023 तक स्थापित हो जाएंगे।
बता दे कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से हर घर बिजली के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार युद्ध स्तर पर बिजली बनाने का काम करने जा रही है. स्यथापित होने वाले नए प्लांट 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेंगे. इस परियोजना को पूरा करने के लिए सरकार फ्लीट मोड में तेजी से काम कर रही है. जिससे कंक्रीट डालने के साथ परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों का निर्माण तेजी से होगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर, परमाणु ऊर्जा विभाग (Dae) के अधिकारियों ने संसदीय समिति को कहा कि कैगा यूनिट 5 और 6 का निर्माण 2023 से शुरू किया जाएगा। गोरखपुर हरियाणा परमाणु विद्युत परियोजना यूनिट 3 और 4 और माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना यूनुट 1 से 4 का एफपीसी 2024 में प्रत्याशित है. इसके अलावा 2025 में चुटका मध्य प्रदेश परमाणु ऊर्जा परियोजना इकाइयों 1 और 2 का एफपीसी होने की उमीद है.
गौरतलब है कि जून 2017 में केंद्र ने 700 मेगावाट के 10 स्वदेशी विकसित दबावयुक्त भारी जल संयंत्र ( Pressurized Heavy Water Reactor) पीएचडब्ल्यूआर के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी थी. 10 पीएचडब्ल्यूआर बनाने की लागत1.05 लाख करोड़ रुपये की बजट होगा। सरकार ने लागत कम करने और निर्माण के समय में तेजी लाने के उद्देश्य से एक बार में 10 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों के निर्माण को मंजूरी दी थी.
इस ‘फ्लीट मोड’ परियोजनाओं के लिए डीएई अधिकारी ने बताया कि थोक स्तर पर खरीद की जा रही थी. जिसमें स्टीम जेनरेटर, एसएस 304 एल जाली ट्यूब और एंड शील्ड के लिए प्लेट, प्रेशराइजर फोर्जिंग, ब्लीड कंडेनसर फोर्जिंग, 40 स्टीम जनरेटर के लिए इंकोलॉय-800 ट्यूब, रिएक्टर हेडर के निर्माण के लिए ऑर्डर दिए थे. यह भी कहा है कि गोरखपुर इकाई 3 और 4 तथा कैगा इकाई 5 और 6 के टरबाइन आइलैंड के लिए इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण पैकेज प्रदान किए हैं. 6780 मेगावाट की कुल क्षमता के साथ अभी भारत में 22 रिएक्टरों का संचालन होता है।