Bharat Bandh नई दिल्ली, Bharat Bandh देशभर में आज यानी सोमवार और मंगलवार को विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. इसका मतलब आज और कल भारत बंद रहेगा। इस हड़ताल में रोडवेज, रेलवे, ट्रांसपोर्ट और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने शामिल होने का फैसला किया है। बता दें यह 2 दिवसीय […]
नई दिल्ली, Bharat Bandh देशभर में आज यानी सोमवार और मंगलवार को विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. इसका मतलब आज और कल भारत बंद रहेगा। इस हड़ताल में रोडवेज, रेलवे, ट्रांसपोर्ट और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने शामिल होने का फैसला किया है। बता दें यह 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल केंद्र सरकार की उन नीतियों के खिलाफ बुलाया जा रहा है, जिनसे कर्मचारियों, किसानों और आम लोगों पर गलत असर पड़ रहा है. ट्रेड यूनियनों ने पोस्टल, टेलीकॉम, ऑयल, स्टील, इनकम टैक्स, कॉपर, बैंक और बीमा क्षेत्रों को इस हड़ताल की सूचना देने वाला नोटिस भेजा है.
इसके साथ ही अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (All India Bank Employees Association) ने कहा है कि बैंकिंग सेक्टर भी इस हड़ताल में शामिल होगा. इस देशव्यापी हड़ताल का ऐलान 22 मार्च 2022 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच की बैठक के बाद हुआ था।
दरअसल, ट्रेड यूनियन के लोगों का मानना है कि देश के पांच राज्यों में हुए चुनाव के बाद केंद्र सरकार अपनी जीत से ज़्यादा खुश हो गई है और उसने मिडिल क्लास या नौकरीशुदा लोगों के हितों के खिलाफ फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. इसमें सबसे मुख्य रूप से EPF(employee provision fund), जिसका ब्याज दर सरकार ने 8.5% से घटाकर 8.1% कर दिया है। लोगों का मानना है कि जिस तरह मार्च महीने में सड़क से लेकर रसोई गैस तक महंगाई का असर पड़ा है उससे आम लोगों का बजट बिगड़ चुका है। पेट्रोल-डीजल-गैस-सिलेंडर-दूध-सब्जी-CNG-PNG सब के रेट सातवें आसमान पर जा पहुँचे है। इसके अलावा अपने मुद्रीकरण कार्यक्रम (पीएसयू लैंड बंडल्स) को लागू करने के लिए कदम उठा रहे हैं, लेकिन मुद्रास्फीति की बिगड़ती स्थिति और शेयर बाजारों में गिरावट के कारण उन्हें रोक दिया गया है. ट्रेड यूनियन की इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने भी भाग लिया और यूनियन के साथ खड़े होने का संदेश दिया। किसान मोर्चा ने 28-29 मार्च को ‘गांव बंद’ का आह्वान किया है. इसके साथ ही ट्रेड यूनियन ने बैठक के बाद कहा कि केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यस्तरीय विभिन्न श्रमिक संगठनों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है.
आसान भाषा में कहे तो यह एक संगठन है। श्रमिक संघ या ट्रेड यूनियन संबंधित क्षेत्रों के श्रमिकों द्वारा गठित संगठन हैं जो अपने सदस्यों के सामान्य हित के लिए काम करते हैं। वे उचित वेतन, काम के अच्छे माहौल, काम के घंटे और लाभ जैसे मुद्दों में कामगारों की मदद करते हैं। वे श्रमिकों के एक समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं और प्रबंधन और श्रमिकों के बीच एक कड़ी प्रदान करते हैं, जिससे कि सरकार और कर्मचारियों में संतुलन बना रहे।
आप यदि भारत बंद के दौरान कुछ सरकारी काम करने के लिए बाहर जा रहे है तो आपको अपने काम के लिए लंबी कतारों में खड़े होना पड़ सकता है साथ ही काम बाधित भी हो सकता है। इस 2 दिवसीय हड़ताल का सबसे ज़्यादा असर बैंको पर पड़ने वाला है, क्योंकि इन 2 दिनों में ग्राहकों का कुछ भी काम होना मुश्किल है। बैंक यूनियन इसलिए इस हड़ताल में शामिल है क्युकीओ बैंको के निजीकरण के खिलाफ है। आपको ज्ञात हो सरकार ने 2021 के बजट में दो और सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की घोषणा की थी, जिसमें Indian Overseas Bank और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) शामिल है।