Swami Prasad Maurya: लखनऊ, समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को दिल का दौरा पड़ने का दावा करने वाली खबरें रविवार को सोशल मीडिया पर फैल गई. जिसके बाद पूर्व मंत्री के समर्थक चिंतित हो गए और जल्द स्वस्थ होने की कामना करने लगे. अफवाहों का खंडन […]
लखनऊ, समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को दिल का दौरा पड़ने का दावा करने वाली खबरें रविवार को सोशल मीडिया पर फैल गई. जिसके बाद पूर्व मंत्री के समर्थक चिंतित हो गए और जल्द स्वस्थ होने की कामना करने लगे. अफवाहों का खंडन करने के लिए खुद स्वामी प्रसाद मौर्या को सामने आकर ट्वीट करना पड़ा. जिसमें उन्होंने लिखा कि वो पूरी तरह स्वस्थ है.
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने लिखा कि वो कायरों से डरने वाले नहीं है और उनका दिल इतना कमजोर नहीं है कि दिल का दौरा पड़ जाए. उन्होंने अपने समर्थकों के साथ तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि वो पूर्ण रूप से स्वस्थ है और अपने कार्यकर्ताओं से मिल रहे है.
मेरा दिल इतना कमजोर नहीं है कि कायरों के डर से मुझे दिल का दौरा पड़ेगा। ऐसी झूठी खबर फैलाने वाले लोग कृपया कायरता का प्रदर्शन ना करें। मैं पूर्ण स्वस्थ हूं और अभी भी आवास पर कार्यकर्ताओं से मिल रहा हूं। pic.twitter.com/5O0rxbk5kY
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) March 20, 2022
बता दे कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. जिसमें उनकी करारी हार हुई है. मौर्य को प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा ओबीसी नेता माना जाता है. इससे पहले विधानसभा चुनाव में वो पडरौना से विधायक चुने गए थे. इस बार के चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को उम्मीद थी कि स्वामी के पार्टी में शामिल होने के बाद सपा को ओबीसी वर्ग का साथ मिलेगा, लेकिन नतीजें पूरी तरह भाजपा के पक्ष में गए.
स्वामी प्रसाद मौर्य को यूपी की राजनीति में मौसम वैज्ञानिक माना जाता रहा है. वे 2007 से 2012 की बसपा सरकार में मायावती कैबिनेट का हिस्सा थे. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वो जनता का मूड भांपकर भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद वो लगभग पांच साल योगी कैबिनेट का भी हिस्सा रहे. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने एक बार फिर से पाला बदलते हुए भाजपा छोड़ सपा में शामिल हो गए, लेकिन इस बार स्वामी का अनुमान गलत साबित हुआ और वो विधानसभा चुनाव हार गए, साथ में सपा भी चुनाव में सरकार बनाने में असफल रहीं।