Case On Advertising Companies नई दिल्ली, Case On Advertising Companies अक्सर विज्ञापन कंपनियां अपने उत्पाद को बेचने के लिए बढ़चढ़ कर उसकी तारीफ करती दिखती हैं. ये तारीफ प्रचार धारकों के लिए एक समस्या भी है क्योंकी कई बार ये विज्ञापन अपने और उपभोगता के बीच एक झूठ का जाल बना देते हैं. बहरहाल अब […]
नई दिल्ली, Case On Advertising Companies अक्सर विज्ञापन कंपनियां अपने उत्पाद को बेचने के लिए बढ़चढ़ कर उसकी तारीफ करती दिखती हैं. ये तारीफ प्रचार धारकों के लिए एक समस्या भी है क्योंकी कई बार ये विज्ञापन अपने और उपभोगता के बीच एक झूठ का जाल बना देते हैं. बहरहाल अब इस जाल को लेकर कुछ कंपनियां मुसीबत में देखी जा सकती हैं.
CCPA के मुताबिक टूथपेस्ट सेंसोडाइन अपने विज्ञापन से दर्शकों को गुमराह कर रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि, ये टूथपेस्ट अपने प्रचार में ये दावा करता है की ये सेंसोडाइन दाँतों की सेंस्टिविटी के लिए सबसे अच्छा टूथपेस्ट है. जो कुछ ही समय में आपको राहत पहुंचाता है. पर अब इस दावे को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) को झूठा और गुमराह करने वाला बताते हुए बंद करने को कहा है. बताते चलें, ये टूथपेस्ट GlaxoSmithKline Asia का एक ब्रांड है.
CCPA ने ऑनलाइन शॉपिंग प्लैटफॉर्म नापतौल के खिलाफ आदेश पारित करते हुए उसपर भी भ्रामक विज्ञापन दिखने के आरोप लगाएं हैं. साथ ही कंपनी पर पूरे 10 लाख रुपयों का जुर्माना भी लगाया गया है. बताते चलें CCPA ने खुद ही इस मामलें को अपने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है. हालाँकि दोनों कंपनी की दलीलों को सुनने के बाद ही आदेश दिए गए हैं. जहां अब केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण द्वारा नापतौल से ‘सेट ऑफ 2 गोल्ड ज्वेलरी’, ‘मैग्नेटिक नी सपोर्ट’ और ‘एक्यूप्रेशर योगा स्लिपर्स’ के विज्ञापनों को हटाने की मांग की गयी है.
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