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Karnataka Hijab row: हिजाब विवाद पर Priyanka Gandhi-Malala Yousafzai ने पूछा स्कूल में आने से रोकने वाले कौन होते हैं आप?

Hijab row नई दिल्ली.  Hijab row कर्नाटक में हुए हिजाब विवाद ने अब तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. अब इस मामलें पर एक के बाद एक राजनीतिक टिप्पणियां आनी शुरू हो गई है, इसी क्रम में आज नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) […]

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Karnataka Hijab row: हिजाब विवाद पर Priyanka Gandhi-Malala Yousafzai ने पूछा स्कूल में आने से रोकने वाले कौन होते हैं आप?
  • February 9, 2022 12:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Hijab row

नई दिल्ली.  Hijab row कर्नाटक में हुए हिजाब विवाद ने अब तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. अब इस मामलें पर एक के बाद एक राजनीतिक टिप्पणियां आनी शुरू हो गई है, इसी क्रम में आज नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने ट्वीट कर हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेज आने वाली लड़कियों को रोकना भयावह है. मलाला ने लिखा है कि भारतीय राजनेताओं को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.

प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा कि ‘’चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस हो या हिजाब. यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है. यह अधिकार महिलाओं को भारतीय संविधान ने दिया है. महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करो. #ladkihoonladsaktihoon (लड़की हूं, लड़ सकती हूं).’’

वहीँ इस मामले पर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने भी ट्वीट कर कहा कि ‘हिजाब पहने लड़कियों को स्कूल में एंट्री ना देना भयावह है. भारत में लड़कियों को उसके कपडे पहने जाने से आका जाता है, भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकना चाहिए.’

बता दें कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से हिजाब को लेकर कई शिक्षण संस्थानों में हंगामा हुआ था, जिसके बाद राज्य सरकार ने प्रदेश में 3 दिन तक सभी स्कूल, कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है.

ड्रेस कोड पर सांप्रदायिक कील मत ठोकिए-मुख़्तार अब्बास नक़वी

वहीं इस मामलें पर केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि हमारे देश में अल्पसंख्यक लोगों के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक अधिकार बराबर है. इसलिए हिजाब के नाम पर हंगामा करना ठीक नहीं है. हर स्कूल और कॉलेज का अपना ड्रेस कोड है, जिसे फॉलो करना आवश्यक है, लेकिन कुछ लोग इस मुद्दे पर भी साम्प्रदायिक कील ठोकना चाहते है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कहा कि यह सब वोटो के ध्रुवीकरण के लिए जानबूझकर किया जा रहा है, लेकिन इससे कर्नाटक के लोग अलग नहीं होने वाले है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे कुछ राजनीतिक पार्टियां काम कर रही है.

क्या है विवाद

दरअसल पिछले कुछ समय से कर्नाटक के कई स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब/बुर्का को लेकर बवाल मचा हुआ है. मुस्लिम धर्म से जुडी महिलाओ कॉलेज में बुर्खा पहनकर अपना विरोध दर्ज करवा रही हैम जबकि हिन्दू धर्म के लोग भगवा स्कार्फ पहनकर अपनी बात पर अड़े हुए है. मामला इतना गरमा गया कि मुद्दा सीधे हाईकोर्ट पहुंच गया. बता दें हालही में कर्नाटक राज्य सरकार ने राज्य में Karnataka Education Act-1983 की धारा 133 लागू की है, जिसके तहत सभी छात्रों को स्कूल में यूनिफॉर्म पहनकर आना अनिवार्य है.

हाईकोर्ट के फैसले पर सभी की निगाहें

इसी कारण अब सभी सरकारी स्कूल और कॉलेज में तो तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी ,साथ ही प्राइवेट स्कूल और कॉलेज को अपनी ड्रेस चुनने को कहा गया है. इसी के तहत जब कुछ छात्र यूनिफार्म में हिजाब डालकर पिछेल महीने अपने कॉलेज पहुंचे तो कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया साथ ही बताया कि ये कॉलेज प्रशासन खिलाफ है. इसी के बाद शहर के अलग-अलग हिस्सों में हिजाब को लेकर विवाद छिड़ गया और मामलें ने तूल पकड़ लिया। इस मामलें पर अब सभी की निगाहें हाईकोर्ट के फैसले पर अटकी हुई है.

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