अम्मान. सीरिया संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि सीरिया में जारी गृहयुद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए संगठित वैश्विक प्रयास की जरूरत है. भारत ने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संधि की बात दोहराई है. इसके साथ ही 14 लाख सीरियाई शरणार्थियों को पनाह देने के लिए जार्डन की तारीफ की है.
आपको बता दें कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में जार्डन पहुंचे हैं. भारत के सचिव अनिल वाधवा ने भारत और जार्डन के बीच हुई बातचीत के बारे में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने कहा सीरिया के संकट का सैनिक हल नहीं हो सकता.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि भारत ने साफ कर दिया कि वह जून 2012 में सीरिया एक्शन ग्रुप के प्रस्ताव के साथ है. यह स्विटजरलैंड के संयुक्त राष्ट्र दफ्तर में पारित हुआ था. इस प्रस्ताव के अनुसार, सीरिया में न केवल सैन्य संघर्ष रुकना चाहिए बल्कि लोगों को शामिल कर मसले का राजनैतिक हल निकाला जाना चाहिए.
भारत चाहता है कि सीरिया में संक्रमणकालीन व्यवस्था बने जिसमें मौजूदा सरकार और इससे बाहर की ताकतें शामिल हों. इसके अलावा सीरिया में रूस की सैन्य कार्रवाई पर भारत ने कहा कि रूस प्राथमिक रूप से यही चाहता है कि चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट की बढ़त को रोका जा सके.
IANS