Bihar Sanitary Pads Distribution नई दिल्ली, Bihar Sanitary Pads Distribution देश भर से समय समय पर ऐसे घोटाले सामने आते रहते है जिसकी किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की हो. ये घोटाला बिहार के सारण ज़िले का है. जहां लड़कियों को बाटे जाने वाले सेनेटरी पैड्स लड़को को भी दिए जा रहे थे. दूसरे […]
नई दिल्ली, Bihar Sanitary Pads Distribution देश भर से समय समय पर ऐसे घोटाले सामने आते रहते है जिसकी किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की हो. ये घोटाला बिहार के सारण ज़िले का है. जहां लड़कियों को बाटे जाने वाले सेनेटरी पैड्स लड़को को भी दिए जा रहे थे.
लड़को को भी सैनेटरी पैड्स बाटने के इस घोटाले के बारे में तब पता चला जब स्कूल के प्रधानाध्यापक की बदली हुई. स्कूल में लड़कियों के साथ-साथ लड़को को भी ये पोषक बांटी जाती थी. जानकारी के अनुसार ये सारा लाभ लड़को कको भी दिया जा रहा था. नया पदभार ग्रहण करने के बाद नए प्रधानाध्यापक रईस उल एहरार खान विद्यालय में आए. प्रदेश के शिक्षा विभाग ने नए अध्यापक से बीते सत्र की योजनाओं का उपयोगिता प्रमाणपत्र माँगा. क्योंकि बीते साल प्रधान अध्यापक ने एक करोड़ तक की योगनाओं पर कोई भी उपयोगिता का प्रमाण पत्र जमा नहीं करवाया था.
नए अध्यापक ने जब बैंक स्टेटस निकलवाया चला की लड़को को भी उन सभी योजनाओं की राशि दी गयी है जो लड़कियों के लिये चलाई गयी थी. अचम्भे की बात तो यह है की इन लड़को को सैनेटरी पैड्स का भी पैसा मिला था. जब ये पूरा घोटाला सामने आया तो इस बारे में जिलाधिकारी को खत लिखा गया.
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अब शिक्षा विभाग ने अपने संज्ञान में ले लिया है. शिक्षा विभाग ने मामले में जांच करने के लिए एक टीम भी गठित करने के निर्देश दिए हैं. डीपीओ राजन गिरी की माने तो अन्य सबूत मिलने के बाद दोषियों पर कानूनी कार्रवाई होगी.