लखनऊ: Lucknow CM Yogi Adityanath on India News Manch 2022 : इंडिया न्यूज के मंच पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक समय में दंगे होना प्रदेश की प्रवृत्ति बन गए थे. हम ज्यादा पुरानी बातों में नहीं जाना चाहते। हर तीसरे दिन उत्तर प्रदेश में एक बड़ा दंगा होता था. बहुत से […]
CM Yogi Adityanath on India News Manch 2022 : इंडिया न्यूज के मंच पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक समय में दंगे होना प्रदेश की प्रवृत्ति बन गए थे. हम ज्यादा पुरानी बातों में नहीं जाना चाहते। हर तीसरे दिन उत्तर प्रदेश में एक बड़ा दंगा होता था. बहुत से लोग परेशान होते थे. लेकिन अब देखिये पिछले साढ़े चार सालों में यहां कोई दंगा नहीं हुआ।
अगर कोई छोटी-मोटी घटना होती भी है तो सरकार पूरी सख्ती के साथ निपटने का काम करती है। इन मामलों में कोई सिफारिश या गैर जिम्मेदारी बर्दाश्त नहीं की जाती। बीजेपी शासनकाल में यूपी में 18 सौ करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति जब्त की गई है। इसके अलावा अवैध कब्जों को ध्वस्त करने का काम भी इसी सरकार में किया गया है।
भाजपा की सरकार आने से पहले उत्तर प्रदेश में सुशासन की बात कोई सोच भी नहीं सकता था। प्रदेश की सत्ता संभालते ही प्रत्येक मुख्यमंत्री के मन में अपने लिए घर और हवेली बनाने की होड़ लग जाती थी। इसके अलावा अन्य भवनों को कब्जाने की प्रतिस्पर्धा मच जाती थी।
बीजेपी ने प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद लोक कल्याण का काम किया. हमने अपने आवास के बारे में कभी नहीं सोचा जिसका नतीजा ये रहा कि पिछले साढ़े चार सालों में 42 लाख लोगों को आवास दिए गए, आज उत्तर प्रदेश की यही पहचान बन गई है।
इतना ही नहीं वे गन्ना किसान जो भुगतान नहीं होने की वजह से गन्ना लगाने से परहेज करते थे। उनको 120 दिन में पैसे का भुगतान किया गया। इसके अलावा 100 महिला पुलिस जांच दलों का गठन किया गया। इससे महिलाओं को बहुत राहत मिली है और सरकार पर विश्वास भी जगा है।
हर साल एक दी एक लाख नौकरियां
यदि बात की जाए पिछले एक वर्ष की तो इस दौरान डेढ़ लाख पुलिसकर्मियों को भर्ती किया गया। पिछले दिनों औसतन हर वर्ष एक लाख युवाओं को नौकरियां दी गई। कुल मिलाकर साढ़े चार साल में 4.5 लोगों को नौकरी मिली। ये नियम सरकार की ओर से बनाए गए नियमों के तहत दी गई। इसमें किसी प्रकार की सिफारिश नहीं मानी गई। ये नौकरी पिछले कई सालों से लंबित थी।
इसके अलावा किसानों के 34 हजार करोड़ रुपये के कर्ज भी माफ किए गए हैं। पहले उत्तर प्रदेश की सरकार, मुख्यमंत्री बेशक कोई भी हो, पारदर्शिता का अभाव था, लेकिन हमारे आने के बाद पूरी पारदर्शिता फिर से बहाल हुई है। उत्तर प्रदेश में एक समय था कि जब सरकारी नौकरियों की भर्ती निकलती थी तो नेताओं का पूरा खानदान प्रदेश में वसूली के लिए निकल पड़ता था। आज वह समय नहीं है। नौकरियों में भर्ती के निकलते ही आज युवा निकलता है। अब रिश्वतखोरी गुजरे जमाने की बात हो गई है।
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— itv khabar (@IndiaNews_itv) January 11, 2022