नई दिल्ली, देश में तीन जनवरी से 15-18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन Vaccination किया जा रहा है। इसके अंतर्गत उन्हें भारत बायोटेक Bharat biotech द्वारा निर्मित कोवैक्सीन लगाई जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है कुछ केन्द्रो पर टीका लगवाने के बाद बच्चों से पैरासिटामोल लेने की सलाह दी गई है। […]
नई दिल्ली, देश में तीन जनवरी से 15-18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन Vaccination किया जा रहा है। इसके अंतर्गत उन्हें भारत बायोटेक Bharat biotech द्वारा निर्मित कोवैक्सीन लगाई जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है कुछ केन्द्रो पर टीका लगवाने के बाद बच्चों से पैरासिटामोल लेने की सलाह दी गई है। लेकिन भारत बायोटेक ने एक आधिकारिक बयान जारी कर ऐसा करने से मना किया है। विशेषज्ञों की माने तो इससे किशोरों की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो सकती है।
भारत बायोटेक के सीएमडी डा. कृष्णा इल्ला एवं डा. सुचित्रा इल्ला की ओर से एक पोस्ट द्वारा यह सूचित किया गया कि पता चला है कुछ केन्द्रों पर कि बच्चों को पैरासिटामोल की 500 मिलीग्राम की टेबलेट दिन में तीन बार तीन दिनों के लिए दी जा रही है। जबकि यह गलत है। उन्होंने बताया कि लगभग 30 हजार बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल किया गया है। जिसमें कुछ बच्चों में मामूली दर्द या हल्के बुखार जैसे लक्षण मिले थे। ईसलिए कोवैक्सीन में पैरासिटामोल की आवश्यकता नही हैं। कोरोनारोधी अन्य वैक्सीन में ऐसा हो सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों में वैक्सीनेशन के बाद कुछ हल्के साइड इफेक्ट दिख सकते हैं। इनसे घबराने की जरुरत नहीं है, एक से दो दिनों के अंतर में बच्चे स्वत: स्वस्थ हो जाते हैं। गौरतलब है कि 3 जनवरी को शुरु हुए बच्चों के वैक्सीनेशन के पहले ही दिन करीब 30 लाख बच्चों को कोवैक्सीन का टीका लगा था। वहीं अब तक एक करोड़ से ज्यादा बच्चों को टीका लगाया जा चुका है।